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अनुराग कश्यप की फिल्म ‘बैड गर्ल’ का टीजर रिलीज होने के साथ ही विवादों में घिरा, जानिए पूरा मामला 

अनुराग कश्यप की फिल्म ‘बैड गर्ल’ का टीजर बीते दिनों रिलीज हुआ और रिलीज के साथ ही इस पर विवाद शुरू हो गया। फिल्म निर्माता  मोहन ने अनुराग कश्यप पर ब्राह्मणों को ‘बदनाम’ करने जैसा आरोप लगाया है। अनुराग कश्यप के बचाव में अभिनेत्री शांति प्रिया आई हैं। आइए जानते हैं आखिर विवाद शुरू कैसे हुआ और क्या है पूरा मामला?

क्या है फिल्म की कहानी?
अनुराग कश्यप की फिल्म ‘बैड गर्ल’ का टीजर 27 जनवरी को रिलीज हुआ। रिलीज के बाद इसे यूट्यूब से हटाए जाने की मांग शुरू हो गईं। दूसरी तरफ अनुराग कश्यप पर ब्राह्मणों को गलत तरीके से दिखाए जाने के आरोप लगे हैं। दरअसल, फिल्म की कहानी एक ब्राह्मण लड़की की है, जो कॉलेज जाती है और लड़कों से दोस्ती करना चाहती है। उन्हें डेट करना चाहती है। वो जब किसी को डेट करना शुरू करती है तो उसे अपमानित किया जाता है। इन सबसे परेशान होकर वह कॉलेज के बाद घर से दूर हो जाती है, जहां आजादी से अपनी इच्छा से जिंदगी जीती है।

जी मोहन ने लिखा आलोचनात्मक पोस्ट
टीजर पर फिल्म निर्माता मोहन ने प्रतिक्रिया देते हुए आलोचनात्मक पोस्ट साझा किया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा कि अनुराग कश्यप औ वेट्री मारन से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है। उन्होंने आगे लिखा, ‘ब्राह्मण लड़की की निजी जिंदगी को दिखाना इस कबीले के लिए हमेशा एक साहसिक रहा है। यह फिल्म इसका ताजा उदाहरण है। वेत्रिमरन, अनुराग कश्यप और कंपनी से और क्या उम्मीद की जा सकती है? ब्राह्मण पिता और मां को कोसना पुरानी बात है, यह नया चलन नहीं है। अपनी जाति की लड़कियों के लिए प्रयास करें और पहले अपने परिवार को दिखाएं’।

शांति प्रिया बोलीं- हमले के रूप में न देखें
सोशल मीडिया पर भी इस फिल्म के निर्माताओं पर खूब कमेंट किए जा रहे हैं। इसके बाद अभिनेत्री शांति प्रिया ने अनुराग कश्यप का बचाव करते हुए पोस्ट किया है। उन्होंने मोहन जी का पोस्ट फिर से साझा कर लिखा है, ‘कला अभिव्यक्ति का एक जरिया है और सिनेमा अक्सर समाज, रिश्तों और पहचान की जटिलताओं को दर्शाता है। इस तरह की फिल्मों का उद्देश्य रूढ़ियों को तोड़ना है, जो अक्सर सभी समुदायों में सामाजिक मानदंडों को चुनौती देती हैं, न कि केवल एक समुदाय में। ब्राह्मण लड़की (या किसी विशेष समुदाय से किसी भी व्यक्ति) के जीवन को चित्रित करना ‘पीटना’ नहीं है, बल्कि यह उनकी कहानी दिखाना है। वेत्रिमरन और अनुराग कश्यप सामाजिक विषयों पर अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं। उनका इरादा अपमान करना नहीं है, बल्कि चर्चा करना है। ऐसी कहानियों को हमले के रूप में देखने के बजाय, उन्हें आत्मनिरीक्षण और समझ के अवसर के रूप में देखा जा सकता है। हर समुदाय की अपनी चुनौतियां होती हैं और उन्हें सिनेमा में दिखाने से इसकी समृद्धि और प्रासंगिकता बढ़ जाती है’।

इस फेस्टिवल में दिखाई जाएगी ‘बैड गर्ल’
‘बैड गर्ल’ का टीजर सामने आने के बाद इस पर विवाद शुरू हुआ है। मगर, दर्शकों का एक वर्ग इसकी रिलीज का इंतजार कर रहा है। हालांकि, अभी रिलीज डेट सामने नहीं आई है। बता दें कि यह फिल्म 54वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल रॉटरडैम में दिखाई जाने वाली है।  इस फिल्म का निर्देशन वर्षा भरत ने किया है। यह फिल्म फेस्टिवल के टाइगर कॉम्पटिशन में हिस्सा लेने जा रही है।

(साभार)

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Author: Shubham Negi
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