दुनियाभर से टूरिस्ट उत्तराखंड की फूलों की घाटी को देखने के लिए आते हैं. फूलों की घाटी की सुंदरता टूरिस्टों का दिल जीत लेती है. यह घाटी इस साल 31 अक्टूबर तक टूरिस्टों के लिए खुली रहेगी. इस साल फूलों की घाटी को देखने आने वाले टूरिस्टों की संख्या में इजाफा हुआ है. इस साल अभी तक फूलों की घाटी में 14010 पर्यटक पहुंच चुके हैं. जिनमें 205 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं. पिछले साल पूरे सीजन में फूलों की घाटी को देखने के लिए 13 हजार पर्यटक पहुंचे थे. इस साल अभी फूलों की घाटी को बंद होने में एक महीने से भी ऊपर का वक्त है. जिस तरह से पिछले साल की तुलना में इस साल 1 हजार टूरिस्टों की संख्या बढ़ी है इससे उम्मीद है कि आने वाले एक महीने में फूलों की घाटी देखने वाले टूरिस्टों की संख्या में और ज्यादा इजाफा होगा. इस साल फूलों की घाटी देखने आने वाले टूरिस्टों ने नया रिकॉर्ड बनाया है.
फूलों की घाटी हर साल एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी जाती है और 31 अक्तूबर तक खुली रहती है. बरसात में यहां सबसे अधिक फूल खिलते हैं. बरसात कम होने पर पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है. यह राष्ट्रीय उद्यान सूबे के गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में है. इसे विश्व धरोहर भी घोषित किया गया है. यहां आपको फूलों की 500 से ज्यादा प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी. हालांकि, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर पर्यटकों को शिविर लगाने की अनुमति नहीं दी जाती है. ऐसे में पर्यटक इस घाटी के निकटतम कैंपिंग साइट पर ही कैंपिंग करते हैं. फूलों की घाटी का नजदीकी कैंपिंग साइट घांघरिया का सुरम्य गांव होगा. जहां शिविर लगाकर पर्यटक कई दिनों तक रहते हैं और फूलों की घाटी के आसपास के पर्यटक स्थलों की भी घुमक्कड़ी करते हैं.