उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चंद दिनों में शुरू हो जाएगा. इसके अलावा कुछ महीने बाद मानसून भी दस्तक दे देगा. लिहाजा, अभी से ही सभी तैयारियों को मुकम्मल किया जा रहा है. इसी के तहत आज देहरादून और हरिद्वार में आपदा का मॉक ड्रिल किया गया. जिसमें रेस्क्यू टीम के रिस्पांस टाइम से लेकर तैयारियों को परखा गया. साथ ही आपदा या किसी भी आपात स्थिति से निपटने पर जोर दिया गया। दरअसल, मॉक ड्रिल के तहत आज सुबह 9 बजे से ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों में यूएसडीएमए (उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) और एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) ने अपनी ड्यूटी शुरू की. तभी देहरादून में दो अलग-अलग जगह पर भूकंप की घटनाएं, हरिद्वार में जलभराव और बिल्डिंग गिरने की सूचना मिली. इसके अलावा कर्णप्रयाग में बस दुर्घटना समेत उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, ऋषिकेश में अलग-अलग तरह की घटनाएं हुई. यह सूचना मिलते ही देहरादून में सचिवालय में मौजूद आपदा कंट्रोल रूम से सभी तरह के फोर्सज को अलर्ट किया गया.
वहीं, विभिन्न टीमों ने मौके पर जाकर कठिन परिस्थितियों में भी रेस्क्यू अभियान चलाया. इसके तहत एनडीएमए यानी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी मेजर जनरल सुधीर बहल ने आर्मी और एयर फोर्स के आपसी कोऑर्डिनेशन व उनके स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर काफी कुछ क्लियर किया. मॉक ड्रिल के दौरान जहां एक तरफ रेस्क्यू फोर्स का एक्शन त्वरित देखने को मिला तो वहीं, मॉक ड्रिल के दौरान सिस्टम में मौजूद कई खामियां भी सामने आई. खामियों को लेकर अधिकारियों का कहना था कि इन्हीं खामियों को उजागर करने के लिए यह एक्सरसाइज की जा रही है. इस मॉक ड्रिल के बाद इन सभी कमियों को लेकर के समीक्षा की जाएगी.
मॉक ड्रिल के दौरान उत्तरकाशी में होटल तथा धर्मशाला, नेताला में भूस्खलन तथा रोड ब्लॉक, चीड़बासा में बादल फटना, बदरीनाथ धाम में भूकंप तथा भगदड़, गोपेश्वर में आग, बाजपुर में रोड ब्लॉक, गौचर में रोड एक्सीडेंट, कलियासौड़ में बस दुर्घटना, डुंगरीपंथ में भूकंप, चमधार श्रीनगर में भूस्खलन, मायलु गांव में सड़क हादसा, हरकी पैड़ी में भगदड़, धरासू में रोड एक्सीडेंट, धनोला में भूकंप, देहरादून में राजपुर रोड स्थित जीजीआईसी में भूकंप की मॉक ड्रिल की गई।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि नेताला में भूस्खलन की सूचना पर पुलिस, एसडीआरएफ, मेडिकल टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर तुरंत राहत और बचाव अभियान चलाया। चमोली के गोविंदघाट में भगदड की सूचना पर सभी विभागों ने आपसी समन्वय बनाते हुए तुरंत स्थिति को संभाला। बाजपुर में मलबा आने से रोड ब्लॉक होने की सूचना पर तुरंत पीडब्ल्यूडी की टीम जेसीबी के साथ मौके पर पहुंची और मार्ग को सुचारु कराया। इस बीच वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से रवाना किया गया। गौचर में बस हादसे की सूचना पर तुरंत पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और राहत और बचाव कार्य किया।
टिहरी में धनौला पेट्रोल पंप के पास भूकंप की वजह से बिल्डिंग जमींदोज होने की सूचना पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। मॉक ड्रिल के जरिये किसी आपदा की स्थिति में एयरफोर्स की मदद लेने, हेलीकॉप्टर की लैंडिंग तथा टेकऑफ को लेकर भी जिलों में अपना प्लान प्रस्तुत किया। टिहरी में भूकंप की सूचना पर सचिवालय स्थित कंट्रोल रूम से टीम को टिहरी डैम का जायजा लेने के लिए मौके पर भेजा गया। हरिद्वार में भगदड़ मचने तथा गंगा में कुछ लोगों के डूबने की सूचना पर पुलिस, जल पुलिस, एसडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला।
इस दौरान किसी आपदा के चलते या मौसम खराब होने के चलते यदि यात्रा रोकनी पड़े तो कैसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रखने की व्यवस्था की जाएगी, इसे लेकर भी जिलों में अपनी तैयारी से अवगत कराया। इस बीच संचार सेवाएं ठप होने पर सेटेलाइट फोन के इस्तेमाल पर भी मॉक ड्रिल की गई। चमोली जिले ने वायु सेवा के बरेली स्थित सेंटर से वायु निकासी पर मदद मांगी।