उत्तराखंड कांग्रेस में जैसे ही आलाकमान ने नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा की उसके बाद से कांग्रेस में बगावत के स्वर उठने लगे हैं हालात यह है कि आप तो स्तीफो के दौर भी शुरू हो गए हैं देहरादून. उत्तराखंड में हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथों मिली हार के बावजूद लगता है कांग्रेस ने कोई सबक नहीं लिया है. प्रदेश अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष आदि की नियुक्ति में गढ़वाल मंडल की घोर उपेक्षा से खिन्न कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है.
आपको बता दें कि कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष पद पर करण महारा, नेता प्रतिपक्ष पर यशपाल आर्य व उपनेता प्रतिपक्ष पर भुवन कापड़ी की नियुक्ति की गई है जिसे लेकर अब कांग्रेस में भयंकर सिर फुटव्वल हो रहा है.
दरअसल, इन बदलावों में गढ़वाल की जहां पूरी तरह से पार्टी ने उपेक्षा की है तो कुमाऊं के हिस्से सारे अहम पद आये है. ऐसे में सोशल मीडिया में भी इसे लेकर बहस तेज हो गयी है. लोगों ने इसे लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. पार्टी में क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से इस गणित पर हर कोई सवाल उठा रहा है.
