उत्तराखंड

हाईकोर्ट ने बागेश्वर के खान अधिकारी को निलंबित करने के दिये आदेश

बागेश्वर में खड़िया खनन पर हाईकोर्ट ने डीएम व खनन निदेशक को लिया आड़े हाथ

नैनीताल। बागेश्वर में खड़िया खनन में व्याप्त असीमित अनियमितताओं का स्वतः संज्ञान लेते हुए जब आज उच्च न्यायालय द्वारा सचिव खनन, निदेशक खनन व जिलाधिकारी बागेश्वर को तलब किया गया तो सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने शिकायतों के बावजूद संज्ञान न लेने पर डीएम बागेश्वर को जमकर लताड़ लगाई। वहीं खनन निदेशक पर गंभीर टिप्पणी करते हुए स्पष्ट कहा कि खनन विभाग के पास खनन पर नजर रखने के अतिरिक्त कोई कार्य न होने के बावजूद ऐसे हालात होना इस बात का प्रमाण है कि खनन निदेशक मजबूर हैं। न्यायालय ने बागेश्वर के खान अधिकारी को निलंबित करने को कहा।

बागेश्वर में बेतरतीब खड़िया खनन से हो रहे नुकसान का स्वतः संज्ञान लेते हुए आज न्यायालय द्वारा सचिव खनन, निदेशक खनन व जिलाधिकारी बागेश्वर को तलब किया गया था। सूत्रों के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर व जस्टिस एमके तिवारी की पीठ ने निदेशक खनन व जिलाधिकारी बागेश्वर की जम कर क्लास लेते हुए उन्हें उनके पदानुरूप कार्य न कर पाने को लेकर लताड़ लगाई।

डीएम को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि तमाम शिकायतों के सार्वजनिक होने, मीडिया रिपोर्ट्स के बाद भी क्या डीएम को वहां पड़ी दरारें व कटे हुए पेड़ नजर नहीं आये। जिला खनिज न्यास के धन को प्रभावित क्षेत्र में लगाने के बजाए कैसे अन्य जगह खर्च कर दिया गया।
खनन विभाग पर तीखी टिप्पणी करते हुए न्यायालय ने कहा कि खनन सम्बन्धी तमाम गतिविधियों पर नजर रखना ही खनन विभाग का एकमात्र कार्य है, क्या विभाग यह भी नहीं कर पा रहा है। हर बात के लिए जिलाधिकारी पर सवाल नहीं किये जा सकते। विभागीय लापरवाही से नाराज़ न्यायालय द्वारा जिला खनन अधिकारी को निलंबित करने को कहा गया, इतना ही नहीं जिले के खनन विभाग की कमान कुशल व पूर्णकालिक अधिकारी को देने की बात भी कही।

निदेशक खनन पर तल्ख टिप्पणी करते हुए न्यायालय का कहना था कि क्या निदेशक अपने दायित्वों की पूर्ति न कर पाने के लिये मजबूर हैं? न्यायालय की गाज गिरने का सिलसिला यहीं नहीं थमा, न्यायालय ने एसपी बागेश्वर को वीडियो कांफ्रेंस में लेते हुए कहा कि आखिर पुलिस अवैध खनन रोकने के लिए क्या कर रही थी। 6 जनवरी को तत्काल प्रभाव से खनन पर रोक लगाने के कोर्ट के आदेश के बाद भी खनन सामग्री की निकासी को गंभीर मानते हुए न्यायालय ने शुक्रवार तक इसकी जांच कर उन सभी कारोबारियों के विरुद्ध एफआईआर करने के आदेश दिए जिन्होंने 6 जनवरी के बाद भी खनन जारी रखा।

न्यायालय ने आदेश दिया कि खनन कार्य मे लगी तमाम मशीनों को तत्काल प्रभाव से सीज़ किया जाए, साथ ही खड़िया के हल्द्वानी तक ट्रांसपोर्टेशन को भी तत्काल प्रभाव से बैन करने के आदेश न्यायालय द्वारा दिये गए। इस बाबत प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भी आदेशित किया गया है। इसके पश्चात न्यायालय द्वारा सचिव खनन, निदेशक खनन व जिलाधिकारी बागेश्वर को पुनः कल यानी शुक्रवार को अदालत में तमाम कार्रवाई की जानकारी सहित तलब किया है।

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Author: Shubham Negi
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