किसानों के लिए सरकार की ओर से समय-समय पर कुछ न कुछ बेहतर जरूर किया जाता है. अब केंद्र सरकार की ओर से एक बार फिर से किसानों की ओर से बढ़ा कदम उठाया जा रहा है. सरकार की ओर से कहा गया है कि केंद्र इ-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) यानी को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि केंद्र इ-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है. यह एक ऑनलाइन कारोबार मंच है. सरकार का यह प्रयास भारत में कृषि जिंसों, कृषि व्यवसाय को और अधिक पारदर्शी बनाने के लक्ष्य से प्रेरित है.
उन्होंने कहा कि अब तक 1,000 कृषि मंडियों (एपीएमसी बाजारों) को इ-नाम परियोजना से जोड़ा जा चुका है और 1.5 लाख करोड़ रुपये के कारोबारी लेनदेन हुए हैं. तोमर ने शहर में कृषि और बागवानी मंत्रियों के दो दिन के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान कहा, ‘‘हम अधिक पारदर्शिता के लिए इ-नाम प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं.
तोमर ने कहा कि सरकार ‘डिजिटल’ कृषि को बढ़ावा देना चाहती है ताकि किसानों को बाजार न जाना पड़े और बिचौलियों पर निर्भर न होना पड़े. इस संबंध में उन्होंने एक विशेष क्षेत्र में उगाई जाने वाली कृषि उपज की निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर दिया. मंत्री ने कहा, ‘‘यदि हम किसी विशेष क्षेत्र में फसलों का डेटाबेस बनाते हैं, तो आपदाओं के कारण फसल के नुकसान की स्थिति में हम तुरंत मुआवजा प्रदान कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए मिशन के रूप में काम कर रही है. मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार मोटे अनाज को लोकप्रिय बनाना चाहती है. इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र से दुनियाभर में बाजरे को लोकप्रिय बनाने के लिए एक पूरा साल समर्पित करने का आग्रह किया था. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय ‘मिलेट’ वर्ष घोषित किया था.