मुख्यंमत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को चारधाम प्रबंधन यात्रा प्राधिकरण के गठन हेतु कार्रवाई त्वरित गति से करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने यमुनोत्री धाम में कैरिंग कैपेसिटी (धारण क्षमता) कैसे बढ़ाई जाए, इस पर भी कार्ययोजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा चारधाम यात्रा प्रबंधन प्राधिकरण का कार्य सिर्फ चारधाम तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि प्रदेश में सभी तरह की यात्राओं के प्रबंधन की जिम्मेदारी इस प्राधिकरण के तहत की जाएगी। प्राधिकरण बनाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि प्रदेश में लगातार बढ़ रहे धार्मिक और सामान्य पर्यटन के दृष्टिगत एक ऐसी संस्था होनी चाहिए जो सभी तैयारियों को तय समय पर पूरा कर सके। उत्तराखंड में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है, खासतौर पर इस सीजन चार धाम यात्रा के दौरान गंगोत्री और यमुनोत्री धार्मों में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में दोगुना वृद्धि हुई है।
यमुनोत्री धाम में लगातार बढ़ रहे श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इस धाम की केयरिंग कैपेसिटी को बढ़ाने की जरूरत है। जिसमें मुख्य रूप से यात्रियों के रुकने के लिए होटल और गेस्ट हाउस को बढ़ाया जाना है। ऐसे में इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाये। राज्य और केंद्र सरकार की ओर से बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत तमाम विकास कार्य हो रहे हैं। ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद चारों धामों की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को काफी आसानी होगी। बैठक के दौरान सीएम ने कहा उत्तराखंड चार धाम यात्रा का मुख्य पड़ाव ऋषिकेश है। बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुंचने पर ऋषिकेश में जाम की स्थिति बनी रहती है। जिसको देखते हुए सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा का संचालन कोटद्वार से भी किया जा सकता है। इसके लिए संभावनाओं को तलाशा जाये।
