उत्तराखंड को केंद्रीय आम बजट से रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए करीब 5 हजार 131 करोड़ रुपए का बजट आबंटित किया गया है। इसकी जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। इस रेलवे बजट से प्रदेश के अलग-अलग परियोजनाओं को बल मिलेगा। साथ ही पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट को पंख लगेंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस बार रेलवे को रिकॉर्ड 2 लाख 62 हजार 200 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया। जिसमें बड़ा हिस्सा यानी 1 लाख 8 हजार करोड़ रुपए सुरक्षा संबंधी उपायों के लिए आवंटित किया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वर्चुअल प्रेस वार्ता में उत्तराखंड के रेल बजट, पांच रेल परियोजनाओं, स्टेशनों को अमृत स्टेशन बनाने संबंधी विभिन्न जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम शिव व शक्ति टनल बोरिंग मशीन की मदद से जून 2026 तक पूरा हो जाएगा। मंत्री वैष्णव वर्चुअल प्रेस वार्ता में जम्मू और उत्तराखंड के पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।
उत्तराखंड की चार नई बहुप्रतिक्षित रेल परियोजनाओं टनकपुर-बागेश्वर, ऋषिकेश-उत्तरकाशी, बागेश्वर-गैरसैंण व देहरादून-शाकुंभरी देवी-सहारनपुर रेल लाइनों का सर्वे पूरा हो गया है। रेल लाइन के लिए आवश्यक रडार सर्वे भी करा लिया गया है। इनकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का कार्य गतिमान है। इसके पूरा हो जाने के बाद रेल परियोजनाओं पर कार्य आरंभ किया जाएगा। रेल मंत्री ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में कुल 213 किमी सुरंग (दोहरी सुरंग) का निर्माण होना है। 171 किमी काम पूरा हो चुका है। इसमें दो टनल बोरिंग मशीनें काम कर रहीं हैं, जिसमें एक का नाम ‘शिव’ और दूसरी का ‘शक्ति’ है। रेल मंत्री ने दावा किया कि देश में पहली बार इन दोनों मशीनों का प्रयोग रेल सुरंग के लिए किया जा रहा है। पहले रेल सुरंग के निर्माण के लिए ‘न्यू आस्ट्रियन टनलिंग मेथड’ (एनएटीएम) तकनीक प्रयोग की जाती थी, लेकिन उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के लिए अब ‘हिमालयन टनलिंग मेथड’ (एचटीएम) तकनीक का प्रयोग किया जा र
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