हरिद्वार के चर्चित श्रीबालाजी ज्वेलर्स में हुए डकैती कांड में शामिल रहे तीनों बदमाशों का पुलिस ने कोर्ट से तीन दिन के लिए कस्टडी रिमांड लिया है। पहले दिन बदमाशों को घटनास्थल से लेकर ठहरने वाले स्थानों पर ले जाकर डकैती का रिक्रिएशन कराया। डकैती की वारदात को कैसे अंजाम दिया और कहां-कहां रुके, इसको लेकर बदमाशों ने मौके पर चिह्नीकरण कराया। पुलिस बदमाशों से दो दिन और पूछताछ करेगी। इसके बाद वापस जेल में दाखिल कर देगी। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल के मुताबिक एक सितंबर की दोपहर रानीपुर मोड़ के समीप श्रीबालाजी ज्वेलर्स शोरूम में पांच बदमाशों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया था। 11 टीमें बदमाशों की धरपकड़ में जुटी हुई थी। 15 सितंबर की रात डकैती में शामिल रहे बदमाश सतेंद्र पाल उर्फ लक्की निवासी मुक्तसर पंजाब पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था।
16 सितंबर की दोपहर बहादराबाद क्षेत्र से फरार दो आरोपी गुरदीप सिंह उर्फ मोनी और जयदीप सिंह उर्फ माना निवासी मुक्तसर पंजाब को भी गिरफ्तार कर लिया था। 18 सितंबर की देर शाम चौथे आरोपी अमनदीप सिंह को हरियाणा के यमुनानगर से पकड़ा गया था। तीनों बदमाश रोशनाबाद जेल में बंद थे। आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए पुलिस ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। बुधवार को आदेश मिलने पर ज्वालापुर इंस्पेक्टर प्रदीप बिष्ट की अगुवाई में तीनों बदमाशों को जेल से लाया गया। दोपहर में तीनों को पुलिस पिरान कलियर लेकर पहुंची। बदमाश यहां कुछ समय रुके थे। शाम को पुलिस ज्वालापुर स्थित शंकर आश्रम में आरोपियों को लेकर पहुंची।
सभी बदमाश 29 अगस्त को शंकर आश्रम में ठहरे थे। यहां पड़ताल करने के बाद अंत में पुलिस तीनों आरोपियों को लेकर श्रीबालाजी ज्वेलर्स शोरूम में पहुंची। तीनों बदमाशों ने अधिकारियों को बताया कि किस तरह उन्होंने वारदात को अंजाम दिया था। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह और इंस्पेक्टर प्रदीप बिष्ट ने मौके पर ही बदमाशों से पूछताछ भी की। एक आरोपी ने शोरूम में जिस जगह से जेवरात उठाए थे उसने वहां खड़े होकर पूरी कहानी बताई। इंस्पेक्टर प्रदीप बिष्ट ने उससे पूछा कि जेवरात कहां-कहां रखे थे। तब उसने बताया कि उसने जेब में भी सोने की चेनें डाली थीं। यहां से फरार होने के बाद गैंग लीडर ने उसकी जेब से वो जेवरात भी निकलवा लिए थे। उसने बताया कि हथौड़े से शीशा तोड़ते समय उसके हाथ में भी चोट लगी।