स्वास्थ्य

क्या है पीलिया, और यह कैसे विकसित होता है? आइये जानते हैं इसके लक्षण और कारण

पीलिया को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि त्वचा और आंखों का पीला पड़ना शरीर में किसी गंभीर विकार का शुरुआती संकेत हो सकता है। चिकित्सा भाषा में जॉन्डिस के नाम से पहचानी जाने वाली यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब शरीर में बिलीरुबिन नामक पिगमेंट की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ जाती है। सामान्य स्थिति में लिवर इस पदार्थ को पित्त के माध्यम से बाहर निकाल देता है, लेकिन लिवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होने या पित्त नलिकाओं में रुकावट आने पर यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है।

पीलिया कैसे विकसित होता है?

विशेषज्ञों के अनुसार पीलिया अपने आप में कोई बीमारी नहीं, बल्कि किसी गहरी स्वास्थ्य समस्या का संकेत है। लिवर का कमजोर होना, पित्त नलिकाओं में अवरोध या लाल रक्त कोशिकाओं का तेजी से टूटना—ये सभी स्थितियां रक्त में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ा देती हैं। बढ़ा हुआ बिलीरुबिन त्वचा और आंखों को पीला कर देता है। यह समस्या शिशुओं से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी प्रभावित कर सकती है।

शुरुआती लक्षणों पर रखें ध्यान

पीलिया का प्रमुख लक्षण आंखों का पीला होना है, लेकिन इसके साथ कई अन्य संकेत भी दिखाई देते हैं। त्वचा का पीला या नारंगी दिखने लगना, पेशाब का गहरा रंग और मल का हल्का रंग होना इसके आम संकेत माने जाते हैं। कई मरीजों को तेज खुजली, थकान, हल्का बुखार और पेट दर्द जैसी समस्याएं भी महसूस होती हैं, जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।

लिवर पर असर और पाचन समस्याएं

लिवर पर भार बढ़ने के कारण मरीजों को पाचन संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। लगातार मतली, उल्टी, भूख में भारी कमी और पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द इसके सामान्य लक्षण हैं। यदि पीलिया पित्त नलिकाओं में रुकावट की वजह से है, तो दर्द और ज्यादा तीव्र हो सकता है, जिसके लिए तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।

विटामिन B12 की कमी भी बन सकती है कारण

विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन B12 की भारी कमी से उत्पन्न पर्निशियस एनीमिया भी पीलिया की वजह बन सकता है। इस स्थिति में लाल रक्त कोशिकाएं असामान्य रूप से बड़ी और कमजोर बन जाती हैं, जो जल्दी टूटती हैं और बिलीरुबिन का स्तर बढ़ा देती हैं। हालांकि, एक बार पीलिया हो जाने के बाद केवल B12 सप्लीमेंट लेने से समस्या ठीक नहीं होती—उपचार उसके मूल कारण पर आधारित होना जरूरी है।

कब लें डॉक्टर की मदद?

यदि आंखों या त्वचा में पीलापन दिखाई दे, पेशाब का रंग असामान्य रूप से गहरा हो या बिना वजह तेज खुजली हो रही हो, तो विशेषज्ञ डॉक्टर से तत्काल जांच कराने की सलाह देते हैं। लिवर फंक्शन टेस्ट और संबंधित ब्लड टेस्ट के जरिए पीलिया के पीछे छिपे कारणों का शीघ्र पता लगाया जा सकता है। समय पर की गई जांच से हेपेटाइटिस, लिवर सिरोसिस या पित्त नलिकाओं की रुकावट जैसी गंभीर स्थितियों को नियंत्रित करना संभव होता है।

(साभार)

Ad Ad

The Khabarnama India

About

The Khabarnama India उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Author

Author: Shubham Negi
Website: www.thekhabarnamaindia.com
Email: thekhabarnama2020@gmail.com
Phone: +91 84456 29080

To Top