उत्तराखंड

Uttarkashi Tunnel Accident: अब 41 जिंदगियों को बचाने जाएगा रोबोट..बनाया गया ये प्लान

सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों की जिंदगी बचाने के लिए अब रोबोट की भी मदद ली जाएगी। यह रोबोट सुरंग के अंदर आए मलबे के ऊपर बची थोड़ी सी जगह से दूसरी तरफ जाएगा। इस रोबोट के जरिए दूसरी तरफ पाइप डालने समेत अन्य संभावनाएं तलाशी जाएंगी। यह जानकारी सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा ने दी।12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद से 41 मजदूरों का जीवन संकट में है। वर्तमान में मजदूरों को बचाने के लिए पांच प्लान पर केंद्र व राज्य की करीब छह एजेंसियां काम कर रही हैं। जिसमें सिलक्यारा सुरंग के मुहाने से ऑगर मशीन से ड्रिलिंग, बड़कोट छोर से ड्रिलिंग, सुरंग के ऊपर और दाएं व बाएं तरफ से ड्रिलिंग की तैयारी हो चुकी है। सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थायी सड़क का निर्माण भी किया जा रहा है। लेकिन, अब इन पांच प्लान के साथ छठा प्लान भी तैयार किया जा रहा है।छोटा रोबोट ही जा सकता है।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सुरंग के अंदर भूस्खलन के कारण जो मलबा आया है उसके और सुरंग की ऊपरी छत के बीच थोड़ी जगह है। जिससे एक रोबोट को भेजकर देखा जाएगा कि दूसकी तरफ कितनी जगह है। ताकि दूसरी तरफ पाइप डाला जा सके। इस पाइप का इस्तेमाल भी अंदर फंसे लोगों का जीवन बचाने में किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि वह जगह बेहद संकरी होने से वहां कोई छोटा रोबोट ही जा सकता है। ऐसा रोबोट भारत सरकार या किसी निजी एजेंसी के पास उपलब्ध होगा तो वह मंगाया जाएगा।रेस्क्यू में लग सकते हैं 30 से 40 घंटे आपदा प्रबंधन सचिव डाॅ.सिन्हा ने बताया कि सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन दिन-रात चलाया जा रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा और ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान कोई बाधा नहीं आई तो रेस्क्यू ऑपरेशन में 30 से 40 घंटे का समय लग सकता है।बड़कोट छोर से अभी दो से ढाई मीटर व्यास की बनेगी सुरंग।

निर्माणाधीन सिलक्यारा से पोलगांव सुरंग 4.5 किमी लंबी है। जिसमें बड़कोट छोर से अभी करीब 400 मीटर सुरंग की खोदाई शेष है। अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए बड़कोट छोर से भी खोदाई शुरू करवाई जा रही है। हालांकि अभी उस छोर से पूरी खोदाई की जगह केवल दो से ढाई मीटर व्यास की सुरंग तैयार की जाएगी। इसमें काफी समय लग सकता है।साइड टनल आपस में मलबे के आगे मिलेंगी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए सुरंग के दाएं और बाएं से भी सुरंग बनाई जा रही है। ये दोनों निकासी सुरंग भूस्खलन के मलबे के आगे मिलेंगी। जिससे अंदर फंसे मजदूर बाहर आ सकें।

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Author: Shubham Negi
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