ये video रेस्क्यू के दौरान 6 या 7 अक्टूबर का है।साक्षात मौत के उस क्रूर और भयानक चेहरे को आज आप लोग भी देख सकेंगे जिसने 4 अक्टूबर को उत्तरकाशी के द्रौपदी डांडा 2 पर 29 हँसती खेलती जिन्दगियों को अपने आगोश में ले लिया था। 29 मासूम मौत का जिम्मेदार आखिरकार बेनकाब हो ही गया।
जैसा कि हमने पहले भी बताया है कि मौत की माँद यानी क्रेवास 5 मीटर से लेकर 45 मीटर तक गहरा हो सकता है।आज देश की जांबज रेस्क्यू टीम इन्ही मौत की माँद क्रेवास में लापता 2 शवो को तलाशने में जुटी है। मौत के क्रेवास की उसी जगह के कुछ video हम आप सभी के सम्मुख रख रहे हैं कि अपनी ज़िंदगी की परवाह किये बिना कैसे अपने देश के जाँबाज रेस्क्यू टीम के सिपाही लापता पर्वतारोहियों को तलाशने में मौत की माँद तक चले जाते हैं।। द्रौपदी का डांडा चोटी आरोहण के दौरान हुए हिमस्खलन की घटना में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी के दो प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं। जबकि एक प्रशिक्षु का शव एडवांस बेस कैंप में है। मंगलवार को पूरे दिन भारी बर्फबारी होने के कारण खोज बचाव अभियान नहीं चल पाया। हेली रेस्क्यू भी पूरी तरह से बंद रहा। आज बुधवार को मौसम अनुकूल रहने पर रेस्क्यू अभियान चलाया गया।
