भारतीय जनता पार्टी में कुछ दिन पहले शामिल हुए पूर्व सीडीएस जनरल दिवंगत बिपिन रावत के भाई रिटायर कर्नल विजय रावत विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने इस संदर्भ में पार्टी नेतृत्व को अवगत करा दिया है। दरअसल, भाजपा कर्नल रावत को विधानसभा चुनाव में उतारने की तैयारी कर रही थी।कोटद्वार या डोईवाला सीट से करीब करीब उनके चुनाव लड़ने पर सहमति भी बन गई थी। लेकिन ऐन वक्त पर अब रावत ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। सूत्रों की मानें तो, बीजेपी अब सीडीएस जनरल दिवंगत बिपिन रावत की बेटी को चुनावी मैदान में उतार सकती है।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि रविवार को ही कर्नल रावत ने अपनी इच्छा से पार्टी के नेताओं को अवगत करा दिया है। हालांकि शनिवार को दून में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कर्नल रावत ने कहा था कि वह राजनीति में रहकर राज्य की सेवा करना चाहते हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार की नीतियों की भी जमकर तारीफ की थी। हालांकि कर्नल रावत के चुनाव लड़ने से इंकार के संदर्भ में आधिकारिक रूप से भाजपा नेता कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। नेताओं का कहना है कि इस संदर्भ में निर्णय शीर्ष नेतृत्व को ही करना है।
सीडीएस रावत की बेटी को मनाने की कोशिश-
इधर पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि भाजपा सीडीएस जनरल बिपिन रावत के बेटियों के भी संपर्क में है। माना जा रहा है कि रिटायर कर्नल विजय रावत ने भी इसी के चलते चुनाव लड़ने से इंकार किया है। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि दरअसल पार्टी जनरल रावत के किसी परिजन को विधानसभा के चुनावों में उतारना चाहती है। लेकिन अभी तक पूरी तरह बात बन नहीं पाई है।
शेष 11 प्रत्याशी घोषित होने में लगेगा वक्त-
भारतीय जनता पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनावों में अभी तक 59 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। लेकिन 11 सीटें अभी भी फंसी हुई है। भाजपा के बाद कांग्रेस की ओर से जारी की गई सूची में भी इन सीटों में से अधिकांश पर प्रत्याशी नहीं उतारे गए हैं। ऐसे में इन सीटों पर प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी खासा माथा पच्ची में जुटी हुई है।
सूत्रों ने बताया कि जिन 11 सीटों पर अभी प्रत्याशियों का ऐलान होना बाकी है उन सीटों पर कांग्रेस की ओर से कुछ बड़े चेहरे सामने आ सकते हैं। ऐसे में पार्टी कांग्रेस के टिकटों का इंतजार कर रही है। दूसरी ओर कुछ सीटों पर अभी भी पाला बदल होने की संभावना है ऐसे में पार्टी टिकट आवंटन में कम से कम दो दिन का वक्त और ले सकती है।