उत्तराखंड में यूजेवीएनएल का विद्युत उत्पादन बढ़ने तक लोगों को बिजली संकट से जूझना होगा। इस संकट से लोगों को बीस जून के बाद ही राहत मिलेगी। तब तक यूजेवीएनएल का बिजली उत्पादन 22 मिलियन यूनिट के करीब हो जाएगा जो फिलहाल 13.5 एमयू तक ही है।
ऊर्जा निगम को बिजली कटौती करनी पड़ रही है। इसके चलते अभी राज्य की रोज की बिजली की जरूरत की तुलना में एक से तीन एमयू तक की कमी रह जा रही है।
बिजली की डिमांड रिकॉर्ड स्तर पर: उत्तराखंड की बिजली जरूरत इस बार 44.5 एमयू के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। जबकि राज्य को केंद्र, यूजेवीएनएल समेत तमाम विकल्पों से सिर्फ 33 एमयू के करीब ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है। शेष 11 मिलियन यूनिट बिजली बाजार से ही जुटानी पड़ रही है। बाजार से बिजली जुटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतम 12 रुपये प्रति यूनिट के रेट पर बिजली खरीदनी पड़ रही है।
ये दिक्कत बाजार में पर्याप्त बिजली उपलब्ध न होने और यूजेवीएनएल का उत्पादन 13.5 एमयू तक ही पहुंचने के कारण पेश आ रही है। यूपीसीएल की उम्मीद बाजार में बिजली का संकट कम होने और यूजेवीएनएल का उत्पादन बढ़ने पर टिकी हुई है। जैसे ही उत्पादन 22 एमयू तक पहुंचेगा, यूपीसीएल की दिक्कतें कम होने लगेंगी।
अनिल कुमार, एमडी, यूपीसीएल मौसम में बदलाव से बिजली की मांग में मामूली अंतर आया जरूर है लेकिन इसके बाद भी बाजार में आसानी से बिजली नहीं मिल पा रही है। रेट कम नहीं हो रहे हैं। ज्यादा महंगी होने पर भी बिजली की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है। यूजेवीएनएल का बिजली उत्पादन बढ़ने से काफी राहत मिलेगी।