उत्तराखंड

उत्तराखंड: राज्यपाल ने पुरानी पेंशन बहाली पर संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने सीएम धामी को सौपा ज्ञापन

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के प्रांतीय नेतृत्व ने आज पुरानी पेंशन बहाली हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में ज्ञापन सौंपा और उनसे माग की कि प्रदेश के बयासी हजार एन पी एस कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाय। मार्चा ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में उत्तराखंड के सभी सांसदों से भी मुलाकात की। जिसमें हरिद्वार के सांसद डाक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, राज्य सभा के सांसद नरेश बंसल, राज्य सभा सांसद डाक्टर कल्पना सैनी,पिथौरागढ़ के सांसद अजय टमटा और गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, नैनीताल विधायक अजय भट्ट, राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी।और कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, कैबिनेट मंत्री डाक्टर धन सिंह रावत,भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी,को भी ज्ञापन दिया गया।सभी को पुरानी पेंशन बहाली के लिए ज्ञापन सौंपा गया और सांसदों से अपेक्षा की गई कि वह हमारी मांग को भारत सरकार के सम्मुख पुरजोर तरीके के उठाए।

क्यों कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों की एक सामाजिक और न्यायोचित मांग है। जो कि बुढ़ापे का सहारा है। आज देश के बहुत से राज्यों ने पुरानी पेंशन बहाल कर दी है। भाजपा शासित राज्यों से भी कर्मचारी यही अपेक्षा करते हैं।प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने कहा कि आज एन पी एस से जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्होंने पांच सौ से एक हजार रुपए पेंशन मिल रही है जो कि कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया जा रहा है। मोर्चे के महामंत्री सीताराम पोखरियाल ने कहा कि कर्मचारियों लगातार सरकार से पुरानी पेंशन के लिए मांग की जा रही है जिसके लिए कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन, मुख्यमंत्री आवास घेराव, विधानसभा सभा घेराव,ज्ञापन, जैसे बहुत से कार्यक्रम लोकतांत्रिक तरीके से चलाए गए हैं परन्तु सरकार सुनने को तैयार नही है। यदि सरकार ने अभी भी पुरानी पेंशन बहाल नही की तो प्रदेश के सभी कर्मचारी वोट फोर ओपीएस को लेकर पूरे प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित करेगा।

संगठन के गढ़वाल मंडल समन्वयक जसपाल सिंह गुसांई ने कहा कि आज सरकारें कर्मचारियों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही हैं विधायक सांसद यदि एक दिन का भी बनता है तो उसे ताउम्र पेंशन दी जाती है और जितनी बार विधायक बनता है उसे उतनी बार पेंशन दी जाती है जबकि एक कर्मचारी अपनी पूरी उम्र साठ साल तक सेवा करता है और उसकी पेंशन बंद कर दी गई है जो कि एक देश एक विधान के खिलाफ है यदि यह देश एक संविधान से चलता है तो विधान भी एक होना चाहिए इसलिए इस दोहरे मापदंड का हम पुरजोर विरोध करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि हमारे कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाय। आज उत्तराखंड का विधान सभा का बजट सत्र था जिसमें कर्मचारियों को भरोसा और उम्मीद थी कि सरकार पुरानी पेंशन बहाली के लिए अवश्य बजट में प्रावधान करेगी परन्तु आज के बजट से भी कर्मचारियों को निराशा ही हासिल हुई। परन्तु कर्मचारी अपनी एक सूत्रीय मांग को पुरजोर तरीके से उठाता रहेगा। आज ज्ञापन देने वालों में जिला मंत्री केदार फर्स्वाण,जिला अध्यक्ष माख्खन लाल शाह। अवधेश सेमवाल आदि शामिल हुए।

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Author: Shubham Negi
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