उत्तराखंड में प्रधानाचार्य के 692 पदों पर इसी महीने 29 सितंबर को प्रस्तावित विभागीय सीधी भर्ती परीक्षा स्थगित होगी। राजकीय शिक्षक संघ के विरोध के बाद शासन ने इस संबंध में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को पत्र भेज दिया है। आयोग को भेजे पत्र में कहा गया है कि विभागीय परीक्षा में और अधिक प्रतिस्पर्धा लाई जाएगी। इसके लिए उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली 2022 में संशोधन किया जाएगा। संशोधन के बाद परीक्षा कराई जा सकती है।
प्रदेश के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के खाली पदों को भरने के लिए शासन ने 50 प्रतिशत पदों पर विभागीय सीधी भर्ती कराने का निर्णय लिया था। इसके लिए उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली में संशोधन के बाद शासन ने 22 फरवरी 2024 को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भर्ती परीक्षा का प्रस्ताव भेजा था। सेवा नियमावली में संशोधन के बाद पहली बार यह भर्ती होनी थी, लेकिन राजकीय शिक्षक संघ शुरू से भर्ती का विरोध कर रहा है। संगठन का कहना है कि प्रधानाचार्य के शत प्रतिशत पद पदोन्नति के पद हैं।
इन पदों पर विभागीय सीधी भर्ती वर्षों से विभाग में कार्यरत शिक्षकों के साथ अन्याय है। संगठन के प्रदेश भर में विरोध के बाद शासन ने भर्ती स्थगित करने के लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को पत्र भेजा है। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने आयोग के सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि प्रवक्ता के पद पर कार्यरत कुछ शिक्षक विभागीय परीक्षा में अर्ह नहीं हो पा रहे हैं। इन शिक्षकों की ओर से उच्च न्यायालय नैनीताल में याचिकाएं दाखिल की गई हैं, विभागीय परीक्षा को स्थगित किया जाए।