खटीमा में धान के खेत में काम कर रही महिला पर एकाएक मगरमच्छ ने हमला कर दिया। वह हाथ मुंह में दबाकर महिला को गहरे पानी में ले जाने लगा। इसी बीच 50 वर्षीय महिला ने दरांती से वार कर मगरमच्छ के जबड़े से अपने जीवन को बचा लिया। प्राथमिक उपचार के बाद महिला की हालत सामान्य है। अमाऊं निवासी 50 साल की शकुंतला देवी शुक्रवार को दोपहर में धान के खेत में निराई कर रही थी। खेत के एक हिस्से में पानी भरा हुआ था। इस दौरान अचानक पानी में छिपे मगरमच्छ ने शकुंतला पर हमला कर दिया। महिला कुछ समझ पाती इससे पहले ही मगरमच्छ ने उसका एक हाथ मुंह में दबा लिया। दर्द से कराह रही शकुंतला ने खुद को बचाने के लिए खूब हाथ पैर मारे। मदद की गुहार भी लगाई लेकिन दूर होने के कारण किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी। मगरमच्छ शकुंतला को खींचकर गहरे पानी की ओर ले जाने लगा। सामने मौत को देखकर पहले तो शकुंतला घबरा गई लेकिन फिर उन्होंने पास में मौजूद दरांती को दूसरे हाथ से पकड़ा। फिर एक लंबी सांस लेकर शरीर की सारी ऊर्जा को समेटकर मगरमच्छ पर दरांती से जोरदार वार कर दिया।
हमले से छटपटाए मगरमच्छ महिला का हाथ छोड़ दरांती मुंह में दबाए गहरे पानी में चला गया। सूचना मिलने पर परिजन मौके पर पहुंचे और घायल महिला को खटीमा उप जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने बताया कि प्राथमिक उपचार के बाद महिला की हालत सामान्य है। किच्छा के निकटवर्ती ग्राम कुरईया में बह रही नदी में बृहस्पतिवार को मगरमच्छ दिखने से सनसनी फैल गई। मगरमच्छ ने भूरा की चार बतखों को निवाला बना लिया। सूचना पर रेंजर भोपाल सिंह कैड़ा, उपक्षेत्राधिकारी प्रमोद त्रिपाठी, वन दारोगा आशुतोष आर्या टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इस बीच मगरमच्छ गांव के एक तालाब के अंदर चला गया। बाद में टीम ने जेसीबी की मदद से नाला बनाकर किसी तरह तालाब का पानी निकलवाया। गांव के युवाओं की मदद से जाल डालकर मगरमच्छ को काबू किया गया। प्रमोद त्रिपाठी ने बताया कि मगरमच्छ को काबू पाने में पूरा दिन लग गया। लगभग पांच फुट लंबे मगरमच्छ को ग्राम अंजनिया के पास गोला नदी में छोड़ा है।