कांग्रेस की पहली सूची जारी होने के बाद बाजपुर विधानसभा सीट से बगावत शुरू हो गई है। वर्ष 2017 में कांग्रेस की प्रत्याशी रही सुनीता टम्टा बाजवा ने कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। सुनीता ने कांग्रेस पर भी भाजपा की तरह किसान और महिला विरोधी होने का आरोप लगाकर इसकी नीतियों के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। वह चुनाव किस पार्टी से लड़ेंगी, अभी इस पर सस्पेंस बरकरार रखा है। सुनीता एवं उनके पति किसान नेता जगतार बाजवा ने सोमवार को सुबह 10 बजे एक बैठक बुलाकर अगली रणनीति पर चर्चा कर नये विकल्पों की घोषणा करने की बात कही है। वर्ष 2017 में सुनीता कांग्रेस की प्रत्याशी थीं। इन्होंने भाजपा प्रत्याशी यशपाल आर्य के खिलाफ चुनाव लड़ा और 42329 मत प्राप्त किये थे।
हारने के बाद भी सुनीता कांग्रेस के लिये मजबूती से काम करती रही थीं। हाल ही में दल बदल कर एक बार फिर से यशपाल आर्य कांग्रेस में शामिल हो गये हैं। शनिवार देर रात कांग्रेस ने 53 प्रत्याशियों की सूची जारी की। इसमें बाजपुर सीट पर यशपाल आर्य को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद सुनीता खेमा नाराज हो गया है। रविवार सुबह सुनीता के आवास पर उनके समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा। सुनीता ने अपने समर्थकों को साफ कहा कि वे तैयारी करें चुनाव तो वह जरूर लड़ेंगी, लेकिन किस पार्टी से लड़ेंगी, इसका फैसला सोमवार को बैठक कर लिया जायेगा। कहा कांग्रेस में कार्यकर्ता की कोई पूछ नहीं है। दलबदल करने वालों को सिर माथे पर सजाया जाता है। उन्होंने कहा कि बीत दस वर्षों से वह तथा उनके पति किसान नेता जगतार बाजवा बाजपुर की जनता के लिये संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर महिलाओं एवं किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। वहीं, किसान नेता बाजवा ने कहा कि राष्ट्रीय दलों ने साबित किया है उनकी सोच किसान, मजदूर, महिलाओं के विरोध में है। नैनीताल और बाजपुर में दलबदलुओं को टिकट देकर कांग्रेस ने महिलाओं का अपमान किया है। यहां कुलविंदर सिंह किंदा, दर्शन गोयल, अजीत प्रताप रंधावा, मंदीप नरवाल, सुनील पाठक, मंगा सिंह, गुरदेव सिंह लाहौरिया, सुखचैन बाजवा रहे
