लोकसभा चुनावों में अब बस चंद दिनों का ही समय बचा है। वहीं चुनावों से ठीक पहले ईडी अपने एक्शन मोड में आ गई है। इस बीच हरक सिंह रावत को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने फिर से समन भेजा है। हरक सिंह को दो अप्रैल को ईडी दफ्तर में पेश होने के लिए कहा गया है। इससे पहले भी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हरक सिंह रावत और उनकी बहू अनुकृति गुसाईं को तलब किया था, और इनके कुछ ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। ईडी ने हरक सिंह रावत को वन विभाग की जमीन कर, अवैध कब्जे और पेड़ काटने के मामले में समन जारी किया है। ये समन 2 अप्रैल के लिये किया गया है। इससे पहले समन पर हरक सिंह रावत ED के सामने पेश नहीं हो पाए थे।
ईडी के आरोपों के मुताबिक, पूर्व आईएफएस बृज बिहारी शर्मा और किशन चंद समेत कई लोगों के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम, वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम और पीसी अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराएं लगी हैं। आरोप है कि इन सभी ने तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत के साथ मिलकर उत्तराखंड सरकार के नियमों को उल्लंघन करते हुए वित्तिय शक्तियों की अपेक्षा अधिक राशि की निविदा प्रकाशित करवाई है। ईडी की ओर से बताया गया था कि, जांच में पता चला है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाकर टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन और कैंपा शीर्ष के तहत पैसों का दुरुपयोग किया है। इसके साथ ही कॉर्बेट में 163 पेड़ों की जगह 6000 से ज्यादा पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया है।
