उत्तराखंड में चार धाम यात्रा (Chardham Yatra 2023) अब समाप्ति की ओर बढ़ रही है. केदारनाथ (Kedarnath), गंगोत्री (Gangotri) और यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के कपाट बंद होने की तिथि का एलान होने के बाद अब बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट बंद होने की भी तिथि का एलान कर दिया गया है. बद्रीनाथ धाम के कपाट अगले महीने 18 नवंबर को शीतकालीन प्रवास के लिए बंद कर दिए जाएंगे. जानकारी के मुताबिक बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 18 नवंबर को पूरे विधि विधान के साथ बंद कर दिए जाएंगे. मंत्रोच्चारण के बीच दोपहर 03:33 मिनट पर बद्रीनाथ के कपाट बंद किए गए जाएंगे. जिसके बाद बाबा बद्री विशाल की डोली अपनी शीतकालीन प्रवास के लिए जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर के लिए रवाना हो जाएगी.
भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में घोषित तिथि के अनुसार इस बार भगवान केदारनाथ के कपाट 15 नवंबर को (भैयादूज पर्व) वृश्चिक लग्न में सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी और लिनचोली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग और सीतापुर यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी. उत्तराखंड में स्थित चार धामों में प्रथम धाम यमुनोत्री के कपाट 15 नवंबर को भैया दूज के दिन सुबह 11:57 पर बंद होंगे. विजयदशमी के दिन यमुनोत्री धाम में पंडा तीर्थ पुरोहितों ने पंचांग गणना कर उक्त घोषणा की मंदिर समिति के सुरेश उनियाल ने बताया कि 15 नवंबर को अभिजीत मुहूर्त व मकर लग्न में यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे. उसके बाद शीतकाल में मां यमुना के दर्शन खरसाली खुशी मैथ में होंगे.बद्रीनाथ धाम से पहले केदारनाथ और गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तारीखों का भी एलान हो चुका है. केदारनाथ धाम के कपाट भी यमुनोत्री धाम के साथ ही 15 नवंबर को होंगे जबकि गंगोत्री धाम के कपाट इससे एक दिन पहले 14 नवंबर को बंद हो जाएंगे.
