21 साल पूर्व 13 वर्षीय नाबालिग को बहला-फुसला कर अपहरण करने के मामले में किच्छा पुलिस ने आरोपी को उत्तरप्रदेश के देवरिया से गिरफ्तार किया है. आरोपी बिहार, छत्तीसगढ़ और यूपी के जनपद में छिपकर रह रहा था. आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है. इससे पूर्व पुलिस ने वर्ष 2004 में उसके छोटे भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि 12 मार्च 2003 को गांव सेलोर निवासी एक व्यक्ति ने तहरीर दी थी, जिसमें बताया गया था कि उसकी 13 वर्षीय नाबालिग बेटी कक्षा 3 में पढ़ती है. वह रोज की तरह स्कूल गई थी. जब वह शाम को घर वापस नहीं लौटी, तो उसकी खोजबीन शुरू की. इस दौरान जानकारी मिली कि उनकी बेटी को बरमटियागंज (बिहार) निवासी सुरेंद्र महतो और उसके छोटे भाई छोटेलाल द्वारा नाबालिग का अपहरण किया गया है. इस पर साल 2004 में मुख्य आरोपी छोटेलाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, लेकिन तब से लेकर आरोपी सुरेंद्र महतो लगातार फरार चल रहा था.
कई बार थाना पुलिस ने गिरफ्तारी के प्रयास किए, लेकिन वह अपने ठिकाने बदल रहा था. 14 अक्टूबर 2004 को न्यायालय द्वारा फरार आरोपी पर पांच सौ रुपए का ईनाम रखा गया था. इसके बाद आरोपी पर एसएसपी द्वारा 25 हजार रुपए का ईनाम रखा गया. इसी बीच टीम द्वारा बिहार, यूपी, झारखंड और छत्तीसगढ़ के ठिकानों में छापेमारी अभियान चलाया गया, लेकिन आरोपी का कोई सुराग नहीं लगा.
21 सितंबर 2024 को जब टीम यूपी के गोरखपुर क्षेत्र में दबिश दे रही थी, तभी टीम को सूचना मिली कि 21 साल से फरार आरोपी यूपी के देवरिया जनपद में छिप कर रह रहा है. जिस पर टीम ने देवरिया से आरोपी सुरेंद्र मेहतो को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने अपने भाई के साथ नाबालिग का अपहरण किया था, जिसे वह बिहार ले गए. इसके बाद वहां से झारखंड में रहकर धान रोपने की ठेकेदारी करने लगा. कुछ साल बाद वह गोरखपुर आ गया और अब वह देवरिया में मजदूरी करता था.