उत्तराखंड

जहाँ दून के लोगों ने सिल्वर स्क्रीन पर सपनों को जीना सिखा , वो प्रभात सिनेमा 73 साल बाद बंद हो गया

देहरादून का ऐतिहासिक प्रभात सिनेमा हमेशा के लिए बंद हो गया है। पहले 30 मार्च को बॉबी फिल्म के साथ हॉल को बंद करने की योजना थी लेकिन कोरोना के कारण अब ऐसा नहीं हो पाएगा। सैकड़ों लोगों ने अपनी पहली फिल्म इसी पिक्चर हॉल में देखी, जिसकी यादें हमेशा उनके जेहन में रहेगी चकराता रोड पर वर्ष 1947 में प्रभात सिनेमा की शुरुआत टीसी नागलिया ने की। उनका निधन होने के बाद उनके पुत्र दीपक नागलिया ने वर्षों तक इसका संचालन किया। 1977 में इसकी मरम्मत की गई, जिसके बाद यहां सीटों की संख्या 500 से बढ़ाकर 1000 की गई। साथ ही दीपक समय-समय पर आने वाली लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को भी अपनाते रहे, जिससे दर्शकों को फिल्म देखने में आनंद आए। समय के साथ थिएटर में आए बदलावों और मल्टीप्लेक्स के बढ़ते चलन के साथ प्रभात से दर्शक दूर होते चले गए। नागलिया परिवार के करीबी सतीश शर्मा ने बताया कि हॉल मालिक दीपक नागलिया काफी समय हॉल के अंदर अन्य कमर्शियल एक्टिविटी करना चाहते थे लेकिन सरकार की तरफ से अनुमति नहीं मिली। जिसके चलते उन्हें इसको बंद करने का फैसला लेना पड़ा है।
एक समय में देहरादून की शान रहा ऐतिहासिक प्रभात सिनेमा हमेशा के लिए बंद हो गया है। प्रभात सिनेमा हॉल की यादें दूनवासियों की जिंदगी का अहम हिस्सा रहेंगी। मल्टीप्लेक्स कल्चर आने से पहले सैकड़ों लोगों ने अपनी पहली फिल्म इसी पिक्चर हॉल में देखी। इस सिनेमा हॉल ने लोगों को सपने देखना सिखाया। बदलते वक्त के साथ मल्टीप्लेक्स आया और लोग प्रभात से दूर होते चले गए। मजबूरन सिनेमा हॉल को बंद करने का फैसला लेना पड़ा। प्रभात सिनेमा हॉल को 30 मार्च को बॉबी फिल्म के साथ बंद करने की योजना थी, लेकिन कोरोना के चलते ऐसा हो नहीं पाया। प्रशासन ने दून के सिनेमा हॉल 31 मार्च तक बंद रखने का आदेश दिया है। जिस वजह से प्रभात सिनेमा हॉल को समय से पहले बंद कर दिया गया। चलिए
चकराता रोड पर स्थित प्रभात सिनेमा की शुरुआत साल 1947 में टीसी नागलिया ने की। उनके निधन के बाद बेटे दीपक नागलिया ने इसका संचालन किया। साल 1977 में इसकी मरम्मत की गई। जिसके बाद यहां सीटों की संख्या को 500 से बढ़ाकर 1000 कर दिया गया। दीपक लेटेस्ट टेक्नोलॉजी भी अपनाते रहे, ताकि दर्शक सिनेमा से जुड़े रहें, लेकिन मल्टीप्लेक्स का चलन शुरू होने के साथ ही दर्शक प्रभात से दूर होते चले गए।बताया जा रहा है कि सिनेमा हॉल संचालक यहां कमर्शियल एक्टिविटी शुरू करना चाहते थे, लेकिन सरकार की तरफ से अनुमति नहीं मिली, जिस वजह से इसे बंद करने का फैसला लेना पड़ा। 30 मार्च को यहा ऋषि कपूर की सुपरहिट फिल्म बॉबी का प्रदर्शन होना था। जिसके बाद हॉल को बंद करने की योजना थी, लेकिन अब इसे आखिरी शो चले बिना ही बंद कर दिया गया है। जिस सिनेमा हॉल ने कभी दून के लोगों को सिल्वर स्क्रीन पर सपनों को जीना सिखाया था, वो 73 साल बाद बंद हो चुका है। अब प्रभात सिनेमा सिर्फ यादों में जिंदा रहेगा।

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Author: Shubham Negi
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