देहरादून । उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने पिछले 7 सालों में एससीआरटी के ढांचे को केंद्र सरकार के अनुरूप लागू न किए जाने के मामले का संज्ञान ले लिया है । जी हां कुछ दिनों पहले हमने एससीआरटी के ढांचे को लागू न किए जाने की खबर प्रमुखता से चलाई थी । जिसका संज्ञान शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने ले लिया है । शिक्षा मंत्री ने इसको लेकर शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को निर्देश दिए हैं, कि 2013 में केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए एनसीईआरटी की तर्ज पर एससीआरटी के ढांचे और नियमावली का संज्ञान लिया जाए, ताकि उत्तराखंड को इसका सीधा लाभ हो और उत्तराखंड को केंद्र सरकार के द्वारा एससीईआरटी को मिलने वाले वेतन का लाभ मिल सके और उत्तराखंड सरकार पर इसका बोझ ना पड़ सके । आपको बता दें कि यदि अगर उत्तराखंड एससीईआरटी के ढांचे को केंद्र सरकार के अनुरूप लागू करता है तो उत्तराखंड को इसका सीधा लाभ मिलेगा और एससीईआरटी के ढांचे के तहत जो वेतन अभी तक उत्तराखंड सरकार दे रही है उसका 90% वेतन केंद्र सरकार की ओर से मिलेगा। जिससे उत्तराखंड को सीधे तौर से 8 से 10 करोड़ प्रति वर्ष लाभ मिलेगा । लेकिन सवाल इस बात का है कि 2013 में 27 जून को मनीषा पवार शिक्षा सचिव का जो आदेश विभाग को था। वह 7 सालों में क्यों लागू नहीं हो पाया, जिस को लेकर सवाल उठना लाजमी है । लेकिन इस बीच 2018 को वित्त सचिव अमित नेगी का वह आदेश जो शिक्षा विभाग को जारी किया गया था सवालों से ऊपर उठकर खड़ा करता है। जिसमें अमित नेगी ने शिक्षा विभाग कि अधिकारियों और कार्मिकों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा था,कि शिक्षा विभाग के कर्मचारी और अधिकारी केंद्र सरकार की नियमावली को लागू नहीं करना चाहते हैं । जिसके तहत उत्तराखंड सरकार के 8 से 10 करोड़ पर की बचत हो सकती हैं । कुल मिलाकर देखने वाली बात यह होगी कि जब शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इसका संज्ञान ले लिया है तो अब यह मामला उत्तराखंड में किस तरह उत्तराखंड सरकार के करवट बैठता है और 8 से 10 करोड़ के जो सालाना नुकसान उत्तराखंड को हो रहा है, उसकी भरपाई करता है या नहीं । साथ ही अकादमी की एवं शोध संस्थानों के तहत जो योग्यता धारी अधिकारियों की जरूरत एससीआरटी और डायट में प्राचार्य के पदों पर हैं । उसकी पूर्ति का संज्ञान लिया जाता है नहीं ये देखने वाली बात होगी।
खबर का दमदार असर ,शिक्षा मंत्री ने लिया संज्ञान scert नियमावली पर ये बोले शिक्षा मंत्री
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