उत्तराखंड

राजकीय शिक्षक संगठन ने की शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय से मुलाकात कई मुद्दों पर बनी बात

देहरादून। शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने आज राजकीय शिक्षक संगठन के साथ उनकी मांगो लेकर बैठक जिसमें कई मांगो को शिक्षा मंत्री ने मान लिया है। राजकीय शिक्षक संगठन ने शिक्षा मंत्री 18 मांगो को लेकर वार्ता की जिसमें से कई मांगों को मान लिया गया है। तबादला सत्र शून्य न किए जाने की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इस सान सभी विभाग में तबादला सत्र शून्य किया गया है। लेकिन धारा 27 के तहत जो भी ताबदले होने है उन्हे अधिक से अधिक किया जाएंगा।

सालों से शिक्षक संगठन की स्वतः सत्रांत लाभ की मांग को शिक्षा मंत्री ने मान लिया है । जिसके लिए विभाग को नियम बनाने के निर्देश देकर कैबिनेट के समक्ष लाने के लिउ कह दिया गया है। यानी अब जो शिक्षक स्वतः सत्रांत लाभ लेना चाहते है उन्हे आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। और वह 31 मार्च को की रियारमेंट होंगे। जो शिक्षक स्चेच्छा से अपने सेवानिवृत की तिथि को रिटायरमेंट होना चाहते है,वह रिटायरमेंट हो सकता है। लेकिन जो स्वतः सत्रांत लाभ लेना चाहते है,उनके लिए नियम बन जाएगा कि उनहे इसके लिए आवदेन नहीं करना पडेगा।

एलटी से प्रवक्ता पदों पर प्रमोशन पाएं तीन शिक्षकां कोे बिना कांउसिंग के ही उनकी वर्तमान तैनाती पर ही तैनानी को निरस्त करने की शिक्षक संगठन की मांग को भी शिक्षा मंत्री ने मान लिया है। आपको बातदे कि एलटी से प्रवक्ता पदों पर प्रमोशन पाएं तीन शिक्षकां कोे विभाग ने वर्तमान तैनाती स्थल पर तैनाती दे दी,जिनमे दो एससीआरटी में तो एक भीमताल डायट में तैनाथ है। शिक्षा मंत्री ने तीनों शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने के निर्देश दे दिए है।

2005 में चयनित शिक्षक के पेंशन की मांग को पूरा किया गया है। जिनका चयन 2005 में हो गया था,लेकिन वह कोटद्धार उपचुनाव की वजह से 31 अक्टूबर से पहले ज्वाइन नहीं कर पाएं,जिस वजह से शिक्षा विभाग ने करीब 400 से ज्यादा शिक्षक को पेंशन का पात्र नहीं माना था,जबकि 2005 में 31 अक्टूबर से पहले एक साथ ज्वाइंन करने वाले शिक्षकों को पेंशन का लाभ दिया गया। ऐसे में जो शिक्षक मात्र कोटद्धार उपचुनाव की वजह सेे पेंशन के दायरे में नहीं आ रहे थे वह हाईकोर्ट में गए और सिंगल बेंच और डबल बेंज में मामला जीत लिया,लेकिन शिक्षा विभाग एक साथ चयनित हुए उन शिक्षको को पेंशन का लाभ देने के पक्ष में नहीं था । जिन्होने 31 अक्टूबर के बाद इस लिए ज्वाइंन किया क्योंकि वह उपचुनाव के चलते ज्वाइंन नहीं कर पाएं। 400 शिक्षकों को जब पेंशन देने के पक्ष में शिक्षा विभाग नहीं था तो विभाग हाईकार्ट में मामला हारने के बाद सुप्रिम कोर्ट में चलेगा गया जहां अभी सुनवाई चल रही है। सालों से चली आ रही शिक्षकों की इस मांग को शिक्षा मंत्री ने पूरा कर दिया है। शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए है कि वित्त विभाग से इस मामले पर परामर्श लेने साथ ही सुप्रिम कोर्ट में दायर की गई अपनी याचिका वापस ले और शिक्षकों को पेंशन का लाभ दे।

शिक्षा मंत्री के साथ हुई शिक्षक संगठन की बैठक में एलटी भूगोल विषय के पदों पर जल्द डीपीसी करने की मांग पर भी बनी है जिसकी तहत जल्द ही भूगोल विषय के प्रवक्ता पदों पर प्रमोशन हो जाएंगे। इसके साथ की कई अन्य मांगों पर भी सहमति बनी है जिनमे शारीरिक शिक्षा को विषय के रूप में लागू करने पर चर्चा हुई है। शिक्षा मंत्री के साथ बैठक में शिक्षा सचिव के साथ विभागीय अधिकारी और राजकीय शिक्षक संगठन की तरफ से राजकीय शिक्षक संगठन के अध्यक्ष कमल किशोर डिमरीउपाध्यक्ष मकेश प्रसाद बहुगुणा,प्रांतीय महामंत्री सोहल सिंह मांजिला,प्रांतीय संरक्षक एमएम सिद्यकी भी मौजूद रहे।

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Author: Shubham Negi
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