विजिलेंस की कस्टडी रिमांड में भी पूर्व आईएएस अधिकारी रामविलास यादव खामोश ही बैठे रहे। पांच घंटे की पूछताछ में भी विजिलेंस कुछ नहीं उगलवा सकी। उनके परिजनों को भी हाजिर होने के लिए कहा गया था, लेकिन नहीं पहुंचे। यादव को मेडिकल कराने के बाद शाम को जेल में दाखिल करा दिया गया। रामविलास यादव की विजिलेंस को मंगलवार शाम तक के लिए कस्टडी रिमांड मिली थी। विजिलेंस चाहती थी कि मकान से मिले दस्तावेजों को सत्यापित किया जा सके।
विजिलेंस को पिछले दिनों दून स्थित यादव के मकान से आठ रजिस्ट्री के कागजात मिले थे। यह सब रजिस्ट्रियां उनके या रिश्तेदारों के नाम पर हैं, लेकिन इन्हें खरीदने का स्रोत अभी तक यादव विजिलेंस को नहीं बता पाए हैं।
मंगलवार को जब उन्हें जेल से लाया गया तो सबसे पहले इन्हीं के बारे में पूछताछ की गई। पांच घंटे तक विजिलेंस ने 100 से ज्यादा सवाल किए, पर उन्होंने किसी का भी उत्तर नहीं दिया। चूंकि, यादव पहले अपनी पत्नी का नाम ले चुके हैं, तो विजिलेंस ने उन्हें भी हाजिर होने का नोटिस दिया था, लेकिन कोई हाजिर नहीं हुआ।
अब तक की जांच में विजिलेंस ने पाया कि यादव के पास उसकी आय से करीब 547 फीसदी संपत्ति अधिक है। विजिलेंस के सूत्रों के मुताबिक, यादव के परिजन बार-बार बुलाने पर भी नहीं आ रहे हैं। ऐसे में अब उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। इसके लिए जल्द ही विजिलेंस कोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही है। ताकि, उन्हें कानूनी नोटिस भेजा जाए या फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।