उत्तराखंड

देहरादून और मसूरी में मियावाकी पौधरोपण योजना पर उठे सवाल, वन मुख्यालय ने शुरू की जांच

18 हजार से ज्यादा पौधे 100 रुपये प्रति पौधा दर पर खरीदने की तैयारी

देहरादून-  मसूरी वन प्रभाग में मियावाकी तकनीक से पौधरोपण को लेकर तैयार की गई योजनाएं अब जांच के घेरे में आ गई हैं। मुख्य वन संरक्षक (कार्ययोजना) द्वारा प्रमुख वन संरक्षक को भेजे गए पत्र में देहरादून में प्रस्तावित योजना को अब तक की सबसे महंगी मियावाकी योजना करार देते हुए इस पर तत्काल जांच की मांग की गई थी। इसके बाद वन मुख्यालय ने औपचारिक जांच शुरू कर दी है।

पत्र के अनुसार, देहरादून वन प्रभाग में एक हेक्टेयर भूमि पर मियावाकी शैली से पौधरोपण के लिए 18,333 पौधे लगाए जाने की योजना है, जिसकी लागत 100 रुपये प्रति पौधा यानी लगभग 18.33 लाख रुपये प्रस्तावित की गई है। यह लागत मियावाकी तकनीक की सामान्य दरों से कई गुना अधिक बताई जा रही है, जबकि पहले से तय मानकों में प्रति पौधे की कीमत लगभग 10 रुपये रखी गई है।

सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब विभाग के पास पहले से पौधशालाएं उपलब्ध हैं, तो फिर इतने महंगे पौधे बाहर से खरीदने की आवश्यकता क्यों पड़ी। इसके अलावा, फेंसिंग की लागत को लेकर भी आपत्तियां सामने आई हैं। मैदानी क्षेत्र में फेंसिंग का औसतन खर्च करीब 1.57 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर आता है, जबकि देहरादून प्रभाग में इससे कहीं अधिक दरें प्रस्तावित की गई हैं।

मसूरी वन प्रभाग की योजना भी जांच के दायरे में है। वहां करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से मियावाकी पौधरोपण का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें सात से आठ फीट ऊंचे पौधों को प्रति पौधा 100 से 400 रुपये की दर पर खरीदने की योजना है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीकी दृष्टि से गलत है, क्योंकि मियावाकी पद्धति छोटे पौधों को घना रोपण कर प्राकृतिक प्रतिस्पर्धा के जरिए तेजी से बढ़ाने की प्रक्रिया पर आधारित है।

मुख्य वन संरक्षक ने यह भी उल्लेख किया है कि कालसी क्षेत्र में पहले से एक उच्च गुणवत्ता वाला मियावाकी वन तैयार किया जा चुका है, जिसमें पांच साल में मात्र 14.83 लाख रुपये खर्च हुए। ऐसे में वर्तमान प्रस्तावों की लागत पर सवाल उठना लाजमी है।

इस पूरे मामले पर प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने बताया कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। देहरादून वन प्रभाग के डीएफओ नीरज शर्मा का कहना है कि पूरी प्रक्रिया निर्धारित मानकों के अनुरूप चल रही है, जबकि मसूरी प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने स्पष्ट किया कि योजना की समीक्षा के बाद इसमें जरूरी संशोधन किए जाएंगे।

The Khabarnama India

About

The Khabarnama India उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Author

Author: Shubham Negi
Website: www.thekhabarnamaindia.com
Email: thekhabarnama2020@gmail.com
Phone: +91 84456 29080

To Top