दून शहर के पटेल नगर क्षेत्र में हुई प्रॉपर्टी डीलर की हत्या का खुलासा देहरादून पुलिस ने 24 घंटे के भीतर किया. पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले एक आरोपी को आशारोड़ी के पास के जंगल से गिरफ्तार किया. रुपयों की लालच में आरोपी ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था. घटना में फरार अन्य आरोपी की तलाश के लिए पुलिस की कई टीम दबिश दे रही है.पटेल नगर पुलिस के मुताबिक, 30 दिसंबर की सुबह कोतवाली पटेल नगर को सूचना मिली कि यमुनोत्री विहार फेस-2 चंद्रबनी में एक मकान में व्यक्ति की लाश है. सूचना के आधार पर पुलिस ने मौक पर पहुंचकर निरीक्षण किया. पुलिस ने मृतक की पहचान मंजेश कुमार निवासी गांजा माजरा खेड़ी जिला हरिद्वार के रूप में की. पुलिस को गला घोंटकर व्यक्ति की हत्या होने का संदेह हुआ.
मकान मालिक प्रदीप कुमार बौडीयाल से पूछताछ में पता चला कि दो महीने पहले ही मकान के ऊपर एक कमरा सचिन निवासी भगवानपुर हरिद्वार को किराये पर दिया है. कमरे में उसके एक साथी अर्जुन का भी आना जाना था. जानकारी मिली कि 29 नवंबर की रात कमरे में सचिन और अर्जुन के साथ मृतक मंजेश भी रुका था. जबकि घटना के बाद से ही सचिन और अर्जुन अपने कमरे से फरार थे. जिनके फोन भी बंद थे.पुलिस ने मृतक के परिजनों से संपर्क कर देहरादून बुलाया. पूछताछ में पता चला कि मृतक मंजेश प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था. अर्जुन, मंजेश के साथ रहकर उसके छोटे मोटे काम करता था. इसके बाद मृतक मंजेश के भाई ने अर्जुन और सचिन के खिलाफ मंजेश की हत्या करने की तहरीर दी. तहरीर के आधार पर कोतवाली पटेलनगर पर सचिन और अर्जुन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोतवाली पटेलनगर और एसओजी की अलग-अलग टीमों का गठन कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित स्थानों को रवाना किया गया.
कोर्ट में सरेंडर करने से पहले किया गिरफ्तार: इस बीच पुलिस टीम को जानकारी मिली कि घटना के बाद सचिन और अर्जुन मकान के पीछे से छत से नीचे कूदकर भागे थे. जिसमें सचिन के पैर में चोट लग गई थी. जो भगवानपुर अस्पताल में अपना प्रारंभिक इलाज कराने के बाद आगे के इलाज के लिए सहरानपुर गया है. सूचना पर एक टीम को सहरानपुर रवाना किया गया. इस बीच पुलिस को जानकारी मिली कि सचिन गिरफ्तारी से बचने के लिए देहरादून कोर्ट में सरेंडर करने के लिए वापस देहरादून गया है. सूचना पर जिले की सीमाओं पर सघन चेकिंग अभियान चलते हुए पुलिस टीम ने आरोपी सचिन को आशारोड़ी के पास के जंगल से गिरफ्तार किया.घटना को अंजाम देने के लिए बनाई योजना: पुलिस पूछताछ में आरोपी सचिन ने बताया कि वह देहरादून में रैपिडो में काम कर रहा था. उसने यमनोत्री विहार फेज-2 में एक कमरा किराये पर लिया था. जहां अक्सर अर्जुन उसके पास आता था. घटना से चार-पांच दिन पहले अर्जुन ने सचिन को बताया मंजेश ने प्रॉपर्टी में अच्छा पैसा कमा रखा है. उसकी प्रॉपर्टी का सारा काम वह ही देखता है. मंजेश के अकाउंट में 38 लाख रुपये हैं. जिसकी सारी डिटेल उसके पास है. यदि वह (सचिन) उसका साथ दे तो दोनों मंजेश को मारकर उसके सारे पैसे निकाल सकते हैं. जिसे दोनों आधा-आधा बांट लेंगे. अर्जुन की बातों में आकर सचिन ने मंजेश की हत्या करने में हामी भर दी. उसके बाद अर्जुन द्वारा एक-दो बार मंजेश से सचिन की मुलाकात कराई.
घटना को ऐसे दिया अंजाम:एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि योजना के मुताबिक, 29 नवंबर की रात सचिन और अर्जुन ने मंजेश को यमनोत्री विहार कमरे में बुलाया. जहां तीनों ने शराब पी और रात करीब 11 बजे जैसे ही मंजेश अपने घर के लिए कमरे से निकलने लगा तो सचिन और अर्जुन ने मिलकर उसके हाथ पैर पकड़ लिए और उसका गला दबाकर उसे बेहोश कर दिया. उसके बाद पास पड़े जूते के फीते से उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. घटना में फरार अन्य आरोपी अर्जुन की तलाश के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं.हत्या के मामले में दोनों जा चुके हैं जेल: एसएसपी के मुताबिक, सचिन कुमार पूर्व में भगवानपुर थाने से हत्या के मुकदमे में जेल जा चुका है. कुछ महीने पहले ही वह जमानत पर रिहा हुआ है. जेल में उसकी पहचान अर्जुन नाम के एक व्यक्ति से हुई. अर्जुन भी साल 2019 में डोईवाला में एक हत्या के मामले में जेल गया था. एक साल पहले ही जमानत पर बाहर आया था.