संसद के बाहर बोले राहुल गांधी- “प्रधानमंत्री सदन से चले गए, हमें बोलने की अनुमति नहीं मिली”
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार को भारी हंगामे और विपक्ष के तीखे विरोध के साथ हुई। कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सदन में बोलने का मौका नहीं दिया गया।
सत्र की कार्यवाही स्थगित होने के बाद संसद भवन के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “मैं विपक्ष का नेता हूं, मेरा काम है मुद्दे उठाना। लेकिन सरकार के मंत्री तो बोल सकते हैं, हमें बोलने की इजाजत नहीं दी जा रही। ये मेरा संवैधानिक अधिकार है, लेकिन बार-बार बाधित किया जा रहा है।”
सरकार पर “नया तरीका” अपनाने का आरोप
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री सदन में मौजूद नहीं रहे। अगर सरकार की ओर से चर्चा की अनुमति दी जाती, तो हम भी अपनी बात रखते। लेकिन सरकार एक नया तरीका अपना रही है, जिसमें विपक्ष को बोलने से रोका जा रहा है।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष का जोरदार विरोध
लोकसभा की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में सख्त कार्रवाई की थी।
लोकसभा अध्यक्ष ने नियमों की दी दुहाई
हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन को नियमों के अनुसार ही चलाया जाएगा। उन्होंने कहा, “प्रश्नकाल के बाद सभी को अपने मुद्दे उठाने का अवसर मिलेगा, लेकिन तख्तियां दिखाना और नारेबाजी स्वीकार्य नहीं है। अगर सदस्य विधिवत नोटिस देंगे, तो हर सांसद को पर्याप्त समय दिया जाएगा।”
