उत्तराखंड

सीमांत माणा गांव से आगे टूटा ग्लेशियर, 57 मजदूरों के बर्फ में दबने की सूचना

अन्य मजदूरों की तलाश जारी

एयर फोर्स से मांगी जा रही मदद 

माणा कैंप तक नहीं पहुंच पायी एनडीआरएफ की टीम

देहरादून। उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बीच भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ है। इस दौरान वहां निर्माण कार्य में लगे 57 मजदूर बर्फ में दब गए। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बताया कि अब तक 10 मजदूरों को निकाल लिया गया है। वहीं, तीन लोगों को आईटीबीपी व सेना की मदद से सेना अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। अन्य की तलाश जारी है।

क्षेत्र में मौसम खराब होने के चलते संचार सेवा ठप पड़ी है। चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि माणा और माणा पास के बीच हिमस्खलन होने से मजदूरों के दबने की सूचना है। एयर फोर्स से मदद मांगी जा रही है। सेना, आईटीबीपी रेस्क्यू में लगी है। एनडीआरएफ की टीम  को भी मूव कर दिया गया है।

बदरीनाथ हाईवे के हनुमान चट्टी से आगे बर्फबारी के कारण अवरुद्ध होने से एनडीआरएफ की टीम माणा कैंप तक भी नहीं पहुंच पाई है।

तीन दिन से हो रही बर्फबारी
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, लाल माटी, नंदा घुंघटी, औली, गोरसों के साथ ही नीती और माणा घाटियों में तीन दिन से बर्फबारी हो रही है। जिससे ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फ जमा हो गई है।

सीएम ने की मजदूरों के सुरक्षित होने की प्रार्थना 

जनपद चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।

ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है।

भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं।

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Author: Shubham Negi
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