राज्य अधीन सेवाओं में तैनात अधिकारी व कर्मचारी अब आसानी से बार-बार प्रमोशन नहीं छोड़ पाएंगे 2 से अधिक बार यदि उन्होंने प्रमोशन छोड़ा तो इसे अनुशासनहीनता तो माना ही जाएगा साथ ही वह अपनी वरिष्ठता से भी हाथ धो बैठेंगे ऐसी स्थिति में सरकार का कोई भी नियम उनका कवच नहीं बन सकेगा इसका प्रावधान राज्याधीन सेवा में पदोन्नति का परित्याग नियमावली 2020 में किया गया है कार्मिक व सतर्कता विभाग ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है पिछले सप्ताह हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने यह निर्णय लिया है सरकार के इस फैसले से कर्मचारी असहज थे लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का मानना है कि दुर्गम में कर्मचारियों की तैनाती के लिए यह नियमावली बनाई गई है सरकार का मानना है कि नियमावली के प्रावधान लागू होने से अब सुविधाजनक स्थानों में बने रहने के लिए अधिकारी व कर्मचारी आसानी से पदोन्नति का परित्याग नहीं कर सकेंगे दुर्गम में जाने से बचने के लिए अधिकारियों कर्मचारी पदोन्नति छोड़ने का खेल खेलते थे पदोन्नति समिति की बैठक से पहले यदि कोई अधिकारी व कर्मचारी पदोन्नति ना लेने का अनुरोध करेगा तो उसे अनुशासनहीनता माना जाएगा ऐसे दो बार लिखित अनुरोध पर कार्मिक अपनी वरिष्ठता से हाथ धो बैठेगा साथ ही उसके निचले क्रम के पात्र कार्मिक को पदोन्नति के खाली पद पर तैनाती दे दी जाएगी आपको बता दें नियमावली में साफ कर दिया गया है की पहली बार में लिखित अनुरोध मान्य होगा डीपीसी के बाद प्रमोशन होने पर कार्मिक को कार्यभार ग्रहण करने के लिए 15 दिन मिलेंगे
अपरिहार्य स्थिति में लिखित अनुरोध पर 15 दिन का समय और दिया जाएगा यदि कोई कार्मिक कार्यभार ग्रहण करने की जगह प्रमोशन छोड़ने का पहली बार लिखित अनुरोध करेगा तो नियुक्ति प्राधिकारी गुण दोष के आधार पर निर्णय लेंगे यदि उसी चयन वर्ष में पुनः डीपीसी समिति की बैठक होती है तो पदोन्नति छोड़ने वाला कार्मिक नोशनल प्रमोशन का दावा नहीं कर सकेगा कोई कार्मिक डीपीसी की प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व ही चयन यह पद छोड़ने का लिखित अनुरोध करेगा तो इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा इसे तबादले से बचने का प्रयास के तौर पर देखा जाएगा एवं प्रशासनिक आधार पर उसका तबादला किया जा सकेगा वहीं यदि किसी कार्मिक ने दूसरी बार छोड़ने के लिए लिखित अनुरोध किया तो नियुक्ति प्राधिकारी नियमानुसार कार्यवाही करेगा यदि किसी कार्मिक ने दो से अधिक बार प्रमोशन छोड़ने का लिखित अनुरोध किया तो कार्मिक अपनी वरिष्ठता खो देगा और खोई वरिष्ठता दोबारा प्राप्त नहीं कर सकेगा नियमावली नियुक्त कार्मिकों की नियमित पदोन्नति में लागू होगी वही नियमावली को लागू करने में कोई ढील बरतेगा तो उस पर भी कार्रवाई होगी
हालांकि राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री डॉ सोहन सिंह माजिला प्रदेश की सरकारी सेवा में प्रमोशन छोड़ने को लेकर जारी अधिसूचना शिक्षा विभाग के लिए ठीक नहीं है उन्होंने कहा कि विभाग में पहले ही प्रमोशन के पद बहुत कम हैं ऐसे में इस अधिसूचना का जारी होना शिक्षकों के लिए अन्याय होगा
