देहरादून– सरकार ने एनएचएम दवा खरीद घोटाले के मामले में सीबीआई द्वारा आरोपित कर्मचारियों पर कार्रवाई की अनुमति देने के अनुरोध को दरकिनार करते हुए यह जांच विजिलेंस को सौंप दी है यह पहला प्रकरण है जिसमें जांच सीबीआई से हटाकर स्थानीय एजेंसियों को सौंपी गई है सोमवार को सचिव गृह नितेश झा द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं आदेश में विजिलेंस को यह जांच जल्द पूरा कर सरकार को रिपोर्ट देने को कहा गया है उत्तराखंड में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन यानी एनआरएचएम जो अब एनएचएम नेशनल हेल्थ मिशन के रूप में जाना जाता है दवा घोटाले का मामला वर्ष 2010 में सामने आया था रुड़की में नाले के किनारे में बड़ी मात्रा में दवाइयां मिलने के बाद इसकी जांच शुरू की गई विभागीय जांच में किसी को दोषी नहीं पाया गया इस बीच मामला सूचना आयोग तक पहुंचा आयोग के निर्देश पर शासन स्तर से मामले की जांच कराई लेकिन उसमें भी कोई स्पष्ट रिपोर्ट नहीं आई ऐसे में आयोग ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति कर दी आयोग के निर्देश पर सरकार ने वर्ष 2014 में सीबीआई को जांच के लिए पत्र लिखा लेकिन सीबीआई की ओर से उसका कोई जवाब नहीं मिला अचानक सितंबर 2019 में लेते हुए सरकार को एक पूर्व सीएमओ समेत सात लोगों के नामों की सूची देते हुए इन पर कार्रवाई करने की अनुमति मांगी कोई जवाब नहीं दिया तब से लगातार सीबीआई सरकार को रिमाइंडर भेज रही है इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे प्रकरण की पत्रावली मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी इस पर उच्च स्तरीय बैठक भी हुई इस बैठक में बताया गया कि मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उसमें से कई सेवानिवृत्त हो चुके हैं माना जा रहा है कि इसी बैठक में यह जांच सीबीआई से हटाकर विजिलेंस को देने का निर्णय लिया गया इसके बाद अब आधिकारिक रूप से जांच विजिलेंस को सौंपने का निर्णय लिया गया है।
