प्रशासन ने जेलों में बंद कैदियों की सूची रिहाई और परिहार माफी के लिए शासन को सौंपी थी। इस सूची में 60 से अधिक कैदियों की रिहाई की संस्तुति की गई। तब राजभवन ने कैदियों पर दर्ज मुकदमों के संबंध में विस्तृत जानकारी न होने का हवाला देते हुए संबंधित पत्रावली को वापस कर दिया था। इसके बाद कैदियों की रिहाई के लिए तीन मानक बनाए गए। पहला यह कि केवल उन्हीं कैदियों की रिहाई की जाएगी, जिनके संबंध में जिलाधिकारी व एसएसपी की संस्तुति होगी। दूसरा मानक यह कि केवल उन्हीं कैदियों के नाम पर रिहाई को विचार किया जाएगा, जिनकी आयु 60 साल से अधिक होगी।
तीसरा मानक यह तय किया गया कि गंभीर बीमारी से ग्रस्त कैदियों की रिहाई पर ही विचार किया जाएगा। जब पूर्व में राजभवन भेजे गए नामों की सूची पर नजर दौड़ाई गई, तब उसमें केवल चार नाम ही इसके लिए पात्र पाए गए। इन चारों नामों की सूची राजभवन भेजी गई। इसमें से राजभवन ने एक नाम पर आपत्ति जताते हुए तीन की रिहाई को स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब जल्द ही शासन स्तर से इन कैदियों की रिहाई के आदेश जारी होंगे।