चार दिन पहले बसपा ज्वाइन करने वाली भावना पांडे ने बसपा छोड़ने के फैसले के बाद बहुजन समाज पार्टी ने हरिद्वार लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने हरिद्वार लोकसभा सीट पर पूर्व विधायक हज़रत मौलाना जमील अहमद कासमी को चुनाव मैदान में उतारा है। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि बसपा भावना पांडे को इस लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारेगी। लेकिन एक बार फिर से मायावती ने चौंकाने वाला फैसला लिया है। उन्होंने मीरापुर विधानसभा सीट से पूर्व बीएसपी विधायक हज़रत मौलाना जमील अहमद कासमी को हरिद्वार से मैदान में उतारा है। मौलाना जमील अहमद मुज्ज्फरनगर की मीरपुर सीट से 2012 में विधायक रहे हैं। बसपा के बाद ये 2021 में रालोद जॉइन कर लिए थे। अब दोबारा बसपा में आ गए हैं।
अब हरिद्वार लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। जिसकी वजह से यहां चुनाव रोचक हो गया है। कांग्रेस ने हरिद्वार से हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनावी समर में उतारा है। निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार मैदान में उतरे है। ऐसे में हरिद्वार से बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी को उठाया है, मायावती द्वारा इस फैसले को लिए जाने के बाद चुनाव त्रिकोणीय हो गया है। बता दे, जनगणना के अनुसार, हरिद्वार जिले की कुल जनसंख्या 18,90,422 में से 6,48,119 मुस्लिम (34.28%) हैं। इन 11 निर्वाचन क्षेत्रों में 13,05,266 मतदाता हैं और जिले की प्रत्येक विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या औसतन 20% है। रुड़की, पिरान कलियर, भगवानपुर, मंगलौर, खानपुर, ज्वालापुर आदि छह से अधिक निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं, जहां मुस्लिम मतदाताओं का प्रतिशत 25% तक हो सकता है।
