देहरादून— प्रदेश में अब गंगा से डेढ़ किलोमीटर और अन्य नदियों से 1 किलोमीटर दूरी पर स्टोन क्रेशर और स्क्रीनिंग प्लांट लगाए जा सकेंगे बरसाती नदियों के लिए दूरी 500 मीटर रखी गई है वही पर्वतीय क्षेत्रों में नदियों से ढाई सौ मीटर की दूरी पर क्रशर प्लांट लगाए जा सकेंगे पर्वतीय क्षेत्रों में इसकी लाइसेंस फीस 10 लाख और मैदानी क्षेत्रों में 2000000 रुपए रखी गई है शासन ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद उत्तराखंड स्टोन क्रेशर स्क्रीनिंग प्लांट मोबाइल स्टोन क्रेशर मोबाइल स्क्रीनिंग प्लांट पल्वराइजर प्लांट हॉट मिक्स प्लांट की नीति 2020 जारी कर दी है नीति में स्टोन क्रेशर व स्क्रीनिंग प्लांट स्थापित करने के मानक दिए गए हैं उसके अनुसार सरकारी 1 से इनकी दूरी 100 मीटर धार्मिक स्थानों से 300 मीटर शैक्षणिक संस्थान अस्पताल या नर्सिंग होम से इन की दूरी 300 मीटर और आबादी क्षेत्र से दूरी 300 मीटर तय की गई है इनकी जांच के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 6 सदस्य कमेटी का गठन किया गया है यही ने अनुमति भी देगी मोबाइल स्टोन क्रेशर व स्क्रीनिंग प्लांट की क्षमता के अनुसार इनकी लाइसेंस फीस तय की गई है इनके अनुसार 10 टन प्रति घंटा तक की क्षमता वाले मोबाइल स्क्रीनिंग प्लांट अथवा स्टोन क्रेशर के लिए फीस ₹25000 25 टन तक की क्षमता वाले के लिए 50050 टन की क्षमता वालों के लिए 100000 वर्ष से अधिक के लिए लाइसेंस फीस ₹200000 रखी गई है हॉट मिक्स प्लांट व रेडी मिक्स प्लांट की फीस ₹25000 रखी गई है प्लवराइजर प्लांट की स्थापना और सोप स्टोन के भंडारण की अनुमति देने की व्यवस्था भी नीति में की गई है इसकी स्थापना के मानक भी स्टोन क्रेशर व स्क्रीनिंग प्लांट की भांति रखे गए हैं इनका क्षेत्रफल आधा एकड़ रखा गया है इन की अनुमति 5 वर्ष तक के लिए मिलेगी नीति में स्टोन क्रेशर व स्क्रीनिंग प्लांट सहित अन्य प्लांटों में भागीदारों के नाम परिवर्तन के लिए भी शुल्क तय किया गया।
खनन की अब ये नीति बना दी सरकार ने पढिये
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