आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हर कोई फिट और एनर्जेटिक दिखना चाहता है। लेकिन जैसे ही वजन घटाने की बात आती है, अधिकतर लोग सबसे पहले अपने खाने की मात्रा घटा देते हैं। यह सोच आम है कि कम खाना यानी तेजी से वजन घटाना। मगर क्या यह तरीका वाकई सेहत के लिए सही है? विशेषज्ञों की मानें तो नहीं।
हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. मल्हार गाणला के अनुसार, अचानक भोजन की मात्रा कम कर देना न सिर्फ शरीर को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि वजन घटाने के लक्ष्य को भी प्रभावित कर सकता है। आइए समझते हैं क्यों।
पोषक तत्वों की भारी कमी
जब आप बिना सोचे-समझे अपनी डाइट को कम कर देते हैं, तो शरीर को जरूरी विटामिन, प्रोटीन, मिनरल और फाइबर नहीं मिल पाते। इसका असर सीधा आपकी एनर्जी, रोग प्रतिरोधक क्षमता और मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है। नतीजा – कमजोरी, थकावट और बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
पेट का न भरना, भूख का बार-बार आना
कम खाने से पेट पूरी तरह नहीं भरता, जिससे बार-बार भूख लगती है। इससे न सिर्फ बेचैनी होती है, बल्कि आप बाद में ज्यादा खा लेते हैं, जो वजन घटाने के प्लान को उल्टा कर सकता है।
क्या करें?
डॉ. गाणला की सलाह है – खाना बंद नहीं करें, बल्कि स्मार्ट चॉइस बनाएं। मतलब, उन चीजों को कम करें जिनमें कैलोरी ज्यादा है (जैसे – रोटी, चावल, तले हुए स्नैक्स), और उनकी जगह ऐसे फूड शामिल करें जो पोषक भी हों और कम कैलोरी वाले हों।
क्या खाएं?
सब्जियां: फाइबर से भरपूर, पेट भी भरेगा और वजन भी घटेगा।
दालें: प्रोटीन की अच्छी मात्रा देती हैं।
सलाद: हर मील से पहले सलाद खाने से पेट जल्दी भरता है और ओवरईटिंग रुकती है।
फ्रूट्स: लेकिन सीमित मात्रा में, खासकर लो-शुगर वाले फल जैसे अमरूद, पपीता या सेब।
वजन घटाने के लिए भूखा रहना नहीं, सही और संतुलित खाना जरूरी है। अपने शरीर को पोषण से वंचित करना कभी भी हेल्दी तरीका नहीं हो सकता। याद रखें – भूख मिटाना भी जरूरी है, लेकिन समझदारी से।
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