देश का आम बजट 2022 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण 1 फरवरी 2022 को संसद में पेश करेंगी. इस बार के बजट के लिए हलवा सेरेमनी को निरस्त कर दिया गया है. 2014 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से जीतदर्ज करते हुए दूसरी बार वह प्रधानमंत्री बने. प्रधानमंत्री मोदी ने कई ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए. प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के दौरान देश के आम बजट में भी कई ऐसे बदलाव किए गये, जो इतिहास में दर्ज में हो गए हैं.
बिना हलवा सेरेमनी के पेश होगा बजट- बजट के पेश होने से पहले देश में हलवा सेरेमनी की परंपरा है, लेकिन इस बार बिना हलवा सेरेमनी के बजट पेश किया जायेगा. इस बार देश कोविड-19 की वजह से हलवा सेरेमनी को निरस्त कर दिया है.
बजट पेश होने की तारीख में बदलाव- ब्रिटिश काल से ही हर साल 28 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया जाता था, लेकिन 2017 में बजट के पेश करने की तारीखों बदलाव कर दिया गया. तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 1 फरवरी 2017 को बजट पेश किया, तब से हर साल अब 1 फरवरी को ही बजट पेश किया जाता है. बजट पेश करने की तारीखों में बदलाव इस बात को सुनिश्तित करने के लिए किया गया कि नए वित्त वर्ष के शुरू होने से पहले बजट से संबधित प्रक्रिया को पूरी कर लिया जाए.
आम बजट में रेलवे का भी बजट- 1 फरवरी 2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण बजट पेश करने के लिए पुरानी परंपरा ब्रीफकेस की जगह पर टेबलेट लेकर आई. जोकि भारतीय इतिहास में पहली बार डिजिटल बजट था. सरकार ने यह फैसला देश कोविड-19 महामारी की वजह से लिया था.
नीति आयोग का गठन- मोदी सरकार ने 2015 में योजना आयोग को खत्म करने का फैसला किया, इसके जगह पर सरकार ने नीति आयोग का गठन किया. यह कदम उन पंचवर्षीय योजनाओं के अंत को भी चिह्नित करता है जो पहली बार अस्तित्व में आईं जब पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रधान मंत्री बने थे.