महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखण्ड के पत्र संख्या- पी०ए० डी०जी०एम० एच०/2022-23/864. दिनांक 19 दिसम्बर 2022 एवं मुख्यचिकित्साधिकारी, पौड़ी गढ़वाल के पत्र संख्या-स्था० / चि०अ० / 2022-23/7016 दिनांक 19 दिसम्बर, 2022 द्वारा उपलब्ध करायी गयी आख्यानुसार डा० शिव कुमार चिकित्साधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सतपुली, जनपद पौड़ी गढ़वाल के द्वारा दिनांक 19.12.2022 को अपने कार्यस्थल पर नशे की हालत में चिकित्सालय में उपस्थित 108 कर्मियों एवं मरीजों के तीमारदारों से अभ्रदता कर अनुशासनहीनता की गयी है। उक्त के क्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी, पौड़ी गढ़वाल द्वारा संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध उत्तरांचल राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 2002 के अधीन यथोचित दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने की संस्तुति की गयी है।
2- प्रकरण में महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की उक्त आख्या के क्रम में डा० शिव कुमार, चिकित्साधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सतपुली, जनपद पौड़ी गढ़वाल को उक्त कृत्य हेतु प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने के दृष्टिगत् तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।
3- निलम्बन की अवधि में डा० शिव कुमार, चिकित्साधिकारी को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड -2. भाग 2 से 4 के मूल नियम 53 के प्रावधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपांतिक समायोजन प्राप्त नहीं था निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं। उपर्युक्त प्रस्तर-3 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जबकि डा० शिव कुमार द्वारा इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगी है। निलम्बन की अवधि में डा० शिव कुमार, चिकित्साधिकारी को मुख्य चिकित्सा अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल के कार्यालय में सम्बद्ध किया जाता है। राज्यपाल के आदेश से,