अगर आप जंगल सफारी के शौकीन हैं तो हरिद्वार के राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क का रुख कर सकते हैं। जंगली हाथी, बाघों और वन्यजीवों की कई प्रजातियों के लिए विख्यात राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के गेट सैलानियों के लिए खोल दिए गए हैं। राजाजी टाइगर रिजर्व की पर्यटक रेंजों के द्वार शुक्रवार को सैलानियों के लिए खोल दिए गए। मोतीचूर में सुबह करीब सात बजे मंत्रों उच्चारण के साथ पूजन किया गया। वन्य जीव प्रतिपालक हरीश नेगी ने रिबन काटकर पर्यटकों के लिए गेट खोला। इस दौरान पर्यटन व जंगल सफारी के लिए आए रक्षा मंत्रालय नई दिल्ली के 60 सदस्य दल का वनकर्मियों ने तिलक लगाकर व फूल मालाओं से स्वागत किया। पर्यटकों के स्वागत के लिए गेट को खूबसूरत ढंग से सजाया गया है। बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व प्राकृतिक सुंदरता और विभिन्न तरह के वन्य जीवों की दुनिया से संपन्न है। पार्क में हाथी, गुलदार, हिरण, चीतल, सांभर, मोर के अलावा कई उन वन्य जीवों व पक्षियों को भी देखा जा सकता है, जो लुप्त होती प्रजाति की श्रेणी में हैं।
पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क इस बार भी बीते वर्ष की भांति रहेंगे। भारतीय पर्यटक से 150 रुपये, विदेशी से 600 रुपये, भारतीय वाहन से 250 जबकि विदेशी वाहन से 500 रुपये प्रवेश शुल्क लिया जाएगा। छात्रों के लिए आधा शुल्क माफ होगा। वन विश्राम भवन में एक रात्रि विश्राम शुल्क 1000 रुपये, डिजिटल व्यवसायिक कैमरा शुल्क 500, फीचर फिल्म निर्माण के लिए 100000 रुपये व वृत्त चित्र निर्माण पर 10000 रुपये शुल्क लिया जाएगा। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क में 500 से ज्यादा एशियाई हाथी और दर्जनों बाघ मौजूद हैं। इसके अलावा हिरन, सांभर की भी अनेकों प्रजातियां इस इस पार्क में जंगल सफारी को ज्यादा रोमांचक बनाती है। साल भर में हजारों देशी और विदेशी सैलानी पार्क में जंगल सफारी के लिए पहुंचते हैं। पार्क के गेट खोले जाने के दौरान मौजूद रहे राजाजी टाइगर रिजर्व की डिप्टी डायरेक्टर कहकशां नसीम का कहना है कि पार्क में सफारी शुरू होने से इससे जुड़े लोगों को भी रोजगार मिलता है और साथ ही देखने को भी मिलता है कि जंगली जानवर और इंसान किस तरह प्रेम भाव से एक साथ रहते हैं।