चंपावतः उत्तराखंड में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. गुलदार, भालू के बाद अब बंदर भी खुंखार हो रहे है. बंदरों का दिल दहला देने वाला कारनामा चंपावत जिले के टनकपुर से सामने आया है.मंगलवार को यहां घर में सोए एक तीन माह के मासूम को बंदर उठाकर छत पर ले गया और पानी भरी की बाल्टी में उसे डाल दिया. जिससे दम घुटने से बच्चें की मौत हो गई. वहीं बच्चें को ढूंढते हुए छत पर पहुंचे परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई. आनन-फानन में बच्चे को अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है. बच्चें की मौत से जहां परिजनों में कोहराम मचा है. वहीं क्षेत्र में दहशत का माहौल है.
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार टनकपुर के मुख्य बाजार वार्ड नंबर आठ (नेहरू मार्ग) निवासी तीन माह के जुबीन पुत्र शहनवाज की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मंगलवार की सुबह पांच बजे उसकी मां उठकर घर के काम में जुट गई. इस बीच बंदर ने कमरे में घुसकर जुबिन को कंबल सहित घसीट लिया और छत पर ले जाकर पानी की बाल्टी में डुबो दिया. बताया जा रहा है कि छह बजे करीब मां बिस्तर के पास गई तो उसने बच्चे पर बिस्तर पर नहीं पाया. जिसके बाद उसकी खोजबीन की गई. जुबिन छत पर पानी से भरी बाल्टी में औंधे मुंह गिरा मिला. बेहोशी की हालत में स्वजन उसे उपचार के लिए संयुक्त चिकित्सालय ले गए. जहां डाक्टर घनश्याम तिवारी ने उसे मृत घोषित कर दिया. बच्चे की मौत के बाद से स्वजनों में कोहराम मचा हुआ है.
वहीं पुलिस ने बच्चे का शव कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. बच्चे की संदिग्ध मौत से पुलिस जांच में जुट गई है आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है. जल्दी ही घटना का पर्दाफाश कर दिया जाएगा. वहीं वन विभाग स्वजनों की इस बात से सहमत नहीं हैं. एसडीओ एसके मौर्या ने बताया कि सुबह के समय बंदर सोए रहते हैं और वे धूप निकलने के बाद झुंड में ही निकलते हैं. इतनी सुबह बंदरों के घर में आने की संभावना काफी कम है. विभाग भी अपने स्तर से मामले की जांच करेगा.
