विकास के दावों के बीच पहाड़ के कई गांव आज भी वाहन सुविधा से वंचित हैं। आश्वासनों में तो सड़क बन रही है, लेकिन हकीकत में डोली का सहारा लेना पड़ रहा है। कपकाेट के बीथी गांव का भी यही हाल है। गांव की एक महिला के बीमार पड़ने पर उसे ग्रामीण पांच किमी दूर सड़क तक डोली की मदद से लाए। महिला का सीएचसी कपकोट में इलाज चल रहा है। 250 की आबादी वाला बीथी गांव सड़क और संचार सुविधा से वंचित है। गांव के लिए निर्माणाधीन दूणी-सुकंडा सड़क गांव से पांच किमी पहले तक ही बन सकी है। लोगों को अब भी पैदल चलकर गांव पहुंचना पड़ता है।
रविवार को गांव की बीना देवी (45) को अचानक पेट में तेज दर्द उठा। महिला चलने-फिरने में दिक्कत महसूस कर रही थी, जिसके बाद ग्रामीण मोहन सिंह, लक्ष्मण सिंह, किशन सिंह, सुंदर सिंह ,रोशन सिंह, गिरीश सिंह, नंदन सिंह उन्हें डोली पर बैठाकर पोथिंग मोटर मार्ग तक लाए। जहां से सात किमी दूर वाहन की मदद से उन्हें सीएचसी कपकोट पहुंचाया गया। ग्रामीण रोशन गढि़या ने बताया कि सड़क की मांग को लेकर कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए गए। पूर्व विधायक और दर्जा राज्य मंत्री रह चुके शेर सिंह गढि़या ने लिखित में आश्वासन दिया था। केदारेश्वर मैदान में सभा के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी ज्ञापन दिया गया। आश्वासन तो मिल रहे हैं, लेकिन सड़क नहीं बन रही है। बीमारों और बुजुर्गों को डोली पर लाने की मजबूरी बनी हुई है।