आज #केदारनाथ_त्रासदी को वस्तुतः यह हिमालयन त्रासदी थी। भगवान केदारनाथ जी ने तो त्रासदी के प्रकोप को कम/नियंत्रित किया। इस त्रासदी में हजारों लोग कालकल्वित हो गये और लोगों के घर, परिवार, खेती, व्यापार व संचार व्यवस्थाएं, सब कुछ ध्वस्त हो गई। भगवान केदारनाथ जी के आशीर्वाद से उत्तराखंड जुटा, पूरी हिम्मत से जुटा और 1 साल के अंदर ही केदारनाथ त्रासदी जिसको कहा जा रहा है, हिमलायन त्रासदी को, सारे घावों को भर दिया, व्यवस्थाएं फिर चल पड़ी, चारधाम यात्रा अविरल रही। पर्यटन और विकास, दोनों पटरी आ गये, एक चमत्कार और यह चमत्कार भगवान केदारनाथ जी के बिना आशीर्वाद के पूरा नहीं हो सकता था। भगवन जो कुछ भी आज #केदारपुरी में और उत्तराखंड के प्रसिद्ध भू-भाग में दिखाई देता है, जो काम जख्मों को भरने के लिए किये गये, वो सब आपके आशीर्वाद से ही संभव हुआ और केवल जख्म ही नहीं भरे, उत्तराखंड हमारी शान है और “#उत्तराखंड के लोगों पर आज हमें अभिमान है”, इन अभिमानी आत्मबल से सराबोर लोगों को साथ लेकर ही हमने उतराखंडियत को जो उत्तराखंड की पहचान है, उसको आगे बढ़ाया और इसी पहचान के लिए मैं आज भी जिंदा हूँ और खड़ा हूँ। बोलिये भगवान #केदारनाथ की जय और मैं सारे उत्तराखंड के #भाई-बहनों की तरफ से उन सभी दिवंगत आत्माओं को जो हिमालयन त्रासदी के दौरान अकाल कालकल्वित हुये, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और मुझे #रामबाड़ा में ऐसे लोगों के #स्मृति_संग्रहालय बनाने का काम अधूरा रह गया उसको आगे पूरा करने का मैं संकल्प लेता हूंँ।
