देहरादून। उत्तराखंड कैडर के पांच आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन पर पहले केंद्र से अनुमति के अनुसार विस्तार यानी कैडर एक्सपेंशन अनुमति केंद्र से मिलना आसान नहीं होगा। ढांचे में केवल 10 हो सकते हैं डीआईजी, 11 पहले से मौजूद हैं राज्य पुलिस के 5 अफसरो के प्रमोशन पर फिलहाल पेंच फंस गया है। एक जनवरी से पांच अधिकारियों को डीआईजी के पद पर प्रमोट होना था। लेकिन इन अधिकारियों के डीआईजी पद पर पदोन्नत करने में पेच फंस गया है, रिक्तियों न होने के कारण प्रमोशन नहीं हो सकता है। सेंथिल अबुदेई कृष्ण राज एस, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए एसपी डॉ. सदानंद दाते, सुनील मीना,देहरादून एसएसपी योगेंद्र मीणा, जन्मेजय खंडूरी प्रमोट होने है। दरअसल, उत्तराखंड पुलिस कैडर स्ट्रक्चर में केवल 10 डीआईजी ह जबकि, मौजूदा समय में प्रदेश में कुल 11 डीआईजी हैं। यह संख्या तय स्ट्रक्चर से एक ज्यादा है। सूत्रों के अनुसार इनके प्रमोशन का का कहना है कि इनकी डीपीसी के लिए पहले केंद्र से अनुमति लेनी आवश्यक है। ऐसे में अभी किसी प्रकार की प्रक्रिया का पालन करने से पूर्व शासन से अनुमति भी जरूरी है।
016 डीआईजी होने पर मुश्किल होंगे हालात
इन अधिकारियों का यदि प्रमोशन हो जाता है तो प्रदेश में 16 डीआईजी हो जाएंगे। वर्तमान समय में भी कुछ जगहों पर जनियर पोस्ट पर सीनियर अभिकारियों को बैठाया गया है। पुलिस मुख्यालय तक में सीनियर अधिकारियों के बैठने तक को जगह नहीं है।शुरू होना वेहद मुश्किल है। इसके लिए पहले कैडर एक्स्पेंशन कराए जाने की बात होनी है हालांकि, यह प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है। प्रदेश की स्थिति के अनुसार इसे नामुमकिन भी बताया जा रहा
है। हालांकि, इस प्रक्रिया में अभी साल भर का वक्त भी लग सकता है। ऐसे में इन अधिकारियों का डीआईजी बनने का सपना अभी कुछ समय फाइलों में दब सकता है।
इन आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन में फसेगा पेंच
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