टनकपुर जौलजीवी मोटर मार्ग के टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के मामले को सदन में उठाने को लेकर भाजपा ने पूरन सिंह फत्र्याल को जहां नोटिस जारी किया है है वहीं पूरन सिंह फत्र्याल का कहना है कि उनहोने नियम के तहत ही नियम 58 के तहत सदन में टनकपुर जौलजीवी मोटर मार्ग के टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के मामले को उठाया है। जबकि सभी जगह उनके इस मुदे को इस तरह का प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है कि पहली बार उत्तराखंड में किसी सत्ता पक्ष के विधायक ने नियम 58 के तहत चर्चा किए जाने की मांग की है। इस सरकार में भी और इससे पूर्व वर्ती सरकार में भी और 2007 से लेकर 2012 तक की भाजपा सरकार में सत्ता पक्ष के विधायकों ने नियम 58 के तहत मुद्दे चर्चा के लिए उठाएं है,लेकिन किसी भी सत्ता दल पार्टी ने विधायक को नोटिस जारी नहीं किया है। वहीं उन्होने ढेड साल पहले भी सदन में नियम 58 के तहत इसी मुद्दे को उठाया था,तब सरकार के द्धारा और भाजपा संगठन के द्धारा भ्रष्टाचार का मुदा उठाने को लेकर मेरी पीठ सबने थपथपाई थी,लिहाजा सरकार ने एक्शन लेते हुए ठेकेदार का ठेका निरस्त कर दिया था,ठेकेदार के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करने वाले 22 कार्मिकों को संस्पेंड कर दिया था। लेकिन इस बार जब उन्होने उसी ठेकेदार को ठेके दिए जाने में भ्रष्टाचार का मामला उठाया है तो पार्टी ने सुना है उन्हे नोटिस थमा दिया है,पार्टी के द्धारा जो भी नोटिस भेजा गया है उसका वह जवाब देंगे,लेकिन भ्रष्टाचार के मामले से वह समझौता नहीं करेंगे।