दुनिया भर में तेजी से बढ़ते डायबिटीज के मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। भारत में स्थिति और भी गंभीर है, जहां हर साल मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यही कारण है कि विशेषज्ञ अब देश को ‘डायबिटीज कैपिटल’ तक कहने लगे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में 10 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज के साथ जी रहे हैं, और आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक जीवनशैली की गड़बड़ियां—लंबे समय तक बैठे रहना, कम शारीरिक गतिविधि, जंक फूड, तनाव और अनियमित खानपान—इस बीमारी के प्रमुख कारण हैं। लगातार बढ़ा हुआ ब्लड शुगर शरीर के हृदय, नसों, आंखों और किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
इसी बढ़ते खतरे के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञ डायबिटीज मरीजों में किडनी रोगों को लेकर खासतौर पर सचेत कर रहे हैं। हाई ब्लड शुगर लंबे समय तक बना रहे, तो यह किडनी की सूक्ष्म रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाकर उन्हें कमजोर कर देता है। इस स्थिति को डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहा जाता है।
14 नवंबर को हर साल मनाया जाने वाला वर्ल्ड डायबिटीज डे इसी जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। अमर उजाला से बातचीत में वरिष्ठ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. वसीम गौहरी बताते हैं कि किडनी रोगों के करीब एक-तिहाई मामले डायबिटीज से जुड़े होते हैं। खून में बढ़ा हुआ शुगर लेवल धीरे-धीरे किडनी को नुकसान पहुंचाता है और समय रहते नियंत्रण न किया जाए तो मरीज डायलिसिस तक पहुंच सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में 30-40% डायबिटीज मरीजों में किसी न किसी रूप में किडनी की बीमारी पाई जाती है। डायबिटीज के मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी ज्यादा होती है, और यह दोनों मिलकर किडनी के लिए और खतरनाक साबित होते हैं। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन का कहना है कि ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का नियंत्रण किडनी को बचाने का सबसे प्रभावी उपाय है।
किन लोगों में खतरा ज्यादा?
– लंबे समय से डायबिटीज से पीड़ित मरीज
– हाई बीपी वाले लोग
– धूम्रपान करने वाले
– अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त लोग
– परिवार में किडनी रोग या डायबिटीज का इतिहास
रिपोर्ट्स दर्शाती हैं कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में डायबिटिक किडनी डिजीज का जोखिम अधिक पाया जाता है।
कैसे बचें? विशेषज्ञों की सलाह:
– ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर नियमित रूप से नियंत्रित रखें
– नमक कम करें, जंक फूड से बचें
– धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएँ
– रोजाना कम से कम 30 मिनट तेज वॉक करें
– हरी सब्जियां, साबुत अनाज और फाइबर वाले फल आहार में शामिल करें
– साल में एक बार किडनी फंक्शन टेस्ट जरूर करवाएं
(साभार)




