शहीद टीकम सिंह नेगी का पार्थिव शरीर पहुंचा घर , अंतिम यात्रा में उमड़ी हजारों की भीड़। भारत-चीन सीमा पर शहीद हुुए उत्तराखंड के आईटीबीपी में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात रहे उत्तराखंड के लाल शहीद टीकम सिंह नेगी का पार्थिव शरीर दोपहर उनके पैतृक गांव राजावाला पहुंचा।शहीद जवान का पार्थिव शरीर जैसे ही राजावाला गांव पहुंचा तो मानो पूरे गांव की आंखों में आंसू आ गए। शहीद को अंतिम विदाई देने पूरे गांव ही उमड़ पड़ा । सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में शहीद टीकम सिंह नेगी की अंतिम यात्रा निकाली गई।जिसमें प्रदेश के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और क्षेत्रीय विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर भी मौजूद रहे । शहीद टीकम सिंह नेगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ प्रेम नगर घाट पर किया गया।
शहीद के ताबूत को देख मां मनोरमा नेगी बिलख-बिलख कर रोने लगी। बोली मेरा शेर आ गया। मैं बेटे को ट्रेनिंग के लिए मसूरी छोड़कर आई थी। मेरा बेटा बहादुर था। अब मैं बिना बच्चे के कैसे रहूंगी। बोली मैं अपने बहादुर बेटे की शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी। उन्होंने बेटे के शहीद होने पर आईटीबीपी के अधिकारियों के समक्ष नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें जवाब चाहिए कि आखिर बेटा कैसे शहीद हुआ। बिलखते हुए बोली उनके खानदान की तीन पीढ़ी फौज में रही। इस दौरान हर किसी की आंखें भर आईं। परिजनों और लोगों ने किसी तरह मां मनोरमा नेगी को ढांढस बंधाई।


