राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के नए ढांचे पर फैसला लंबे समय के लिए खिसक सकता है कोरोना काल में शासन किसी भी तरह के नए पदों के सृजन से बचना चाहता है मिनिस्ट्रियल स्टाफ समेत कुछ अन्य संवर्ग को समायोजित करने पर विचार होगा । शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने एससीईआरटी के ढांचे के संबंध में दोबारा संशोधित प्रस्ताव देने के निर्देश देती हैं नए प्रस्तावित ढांचे को लेकर भी मंथन जारी है शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से नए ढांचे के संबंध में बीते दिनों विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की गई बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया शिक्षा सचिव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रस्तावित ढांचे में नए पद सृजन की नौबत नहीं आए कोरोना संकट को देखते हुए ऐसे किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के संकेत नहीं है ऐसे में ढांचे को लेकर मशक्कत करने को कहा गया है दरअसल एससीईआरटी का मुखिया डीन को बनाए जाने को पूर्व में जारी आदेश को अमल में नहीं लाया जा सका पुराने ढांचे में बुनियादी बदलाव के प्रस्ताव में निदेशक समेत प्रशासनिक और शिक्षक के 50 पद प्रस्तावित किए गए हैं केंद्र सरकार के एससीईआरटी के लिए तैयार किए गए कांसेप्ट पेपर के आधार पर राज्य सरकार ने 27 जून 2013 को आदेश जारी किया था उक्त आदेश में एससीईआरटी के ढांचे को पुनर्गठित कर निदेशक के बजाय विभाग के मुखिया के तौर पर डीन का पद मंजूर किया गया था इसके अतिरिक्त प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर, ब्लॉक शिक्षा संस्थान प्राचार्य के पद सृजित किए गए थे यह ढांचा उच्च शिक्षा संवर्ग के साथ समानता लिए हुए था शिक्षा महकमे के मौजूदा ढांचे के साथ उक्त शिक्षक शिक्षा संवर्ग ढांचे का तालमेल अब तक नहीं हुआ है अकादमिक शोध व प्रशिक्षण निदेशालय ने बीती 18 दिसंबर 2019 को एससीईआरटी के संशोधित ढांचे के संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा था इस पुराने ढांचे के स्थान पर कई तब्दीली की गई सीनियर प्रोफेशनल , प्रोफेशनल व जूनियर प्रोफेशनल के नए पद प्रस्तावित किए गए प्रस्ताव में ढांचे में शैक्षिक प्रशिक्षण के लिए जवाब देह पदों के कम वेतनमान को लेकर सवाल भी उठने के बाद शासन स्तर पर इस बारे में विचार किया गया।
