मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को उद्देश्य, अनुशासन और समय प्रबंधन का महत्व समझाया
नई दिल्ली/देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम–2025 में देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के मेधावी छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने बहुमूल्य अनुभव अर्जित किए होंगे। मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण अब राज्य स्तर पर भी शुरू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान नई चीजें सीखने और दृष्टिकोण विस्तृत करने का अवसर प्रदान करते हैं।
उद्देश्य, अनुशासन और समय प्रबंधन से ही मिलती है सफलता
मुख्यमंत्री ने अपने विद्यार्थी जीवन का प्रसंग साझा करते हुए बताया कि पिताजी के सेना से सेवानिवृत्त होने के समय वे कक्षा 9 में थे और कक्षा 10 की परीक्षा देने के लिए अकेले खटीमा से नैनीताल एक्सप्रेस पकड़कर सागर गए थे। यह उनका पहला शैक्षिक भ्रमण था, जिसने उन्हें सतत सीखने की प्रेरणा दी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में स्पष्ट उद्देश्य, स्वअनुशासन और लक्ष्य के प्रति निरंतरता अत्यंत आवश्यक है। स्वामी विवेकानंद का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य के अंदर असीम शक्ति होती है, जो आत्मविश्वास, एकाग्रता और निरंतर प्रयास से प्रकट होती है।

मुख्यमंत्री ने समय प्रबंधन के महत्त्व पर जोर देते हुए कहा कि इससे विद्यार्थी अपनी गलतियों में सुधार कर पाते हैं और समय का सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं। जीवन में चुनौतियां और प्रतिस्पर्धा जरूरी हैं, क्योंकि इन्हीं से प्रेरणा मिलती है।
उल्लेखनीय है कि देवप्रयाग विधानसभा से विधायक विनोद कंडारी ने आठ वर्ष पूर्व इस पहल की शुरुआत की थी। इस वर्ष भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण–2025 के तहत देवप्रयाग के मेधावी विद्यार्थियों ने ऐतिहासिक साबरमती आश्रम का भ्रमण किया। विद्यार्थियों के साथ शिक्षक-शिक्षिकाएं भी उपस्थित रहे।




