प्रदेश सरकार रुद्रप्रयाग जिले के चोपता को कैंपिंग डेस्टीनेशन के रूप में विकसित करेगी। इससे जहां स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं, कैंपिंग के लिए आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेगी।
पर्यटन सचिव दिलीप जालवकर ने तुंगनाथ में एशियन डवलपमेंट बैंक के माध्यम से चल रहे यात्री सुविधाओं व स्थापना कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि तुंगनाथ यात्रा को संचालित करने में देवस्थानम बोर्ड को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग रूट पर ठोस कचरा प्रबंधन के लिए जरूरी इंतजाम किए जाएंगे और पर्यावरण विकास समिति का गठन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चोपता को कैंपिंग डेस्टीनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा और इसके लिए जिलाधिकारी व डीएफओ से प्रस्ताव लिए जाएंगे।
सचिव पर्यटन ने ट्रैकिंग होम स्टे योजना के तहत क्लस्टर केंद्रों के लिए चयनित स्थानों व ट्रैक का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के माध्यम से ट्रैक रूट के समीपवर्ती गांवों को ट्रैकिंग क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस योजना के तहत पुराने मकानों में नए कमरे बनाने के लिए प्रति कक्ष 60 हजार व पुराने कमरों में शौचालय की व्यवस्था व मरम्मत कार्य के लिए 25 हजार रुपये प्रति कमरे की सहायता अधिकतम छह कमरों के लिए दी जा रही है।
सचिव पर्यटन ने कहा तुंगनाथ मंदिर काफी पुराना हो चुका है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से मंदिर के जीर्णोद्धार करने का आग्रह किया गया है। तुंगनाथ में आवासीय सुविधाओं को विकसित करने की आवश्यकता है। वन विभाग से अनुमति प्राप्त होते ही गढ़वाल मंडल विकास निगम के पुराने बंगले का नवीनीकरण किया जाएगा। जिला पर्यटन विकास अधिकारी को स्थानीय नागरिकों को पर्यटन विभाग की होमस्टे योजना के संबंध में जानकारी देने के लिए कैंप लगाने के निर्देश भी दिए।
