ऋषिगंगा आपदा में अभी तक 36 शव बरामद हो चुके हैं। 168 लोग अभी भी लापता हैं। वहीं ऋषिगंगा के मुहाने पर झील बनने से एक बार फिर क्षेत्र में बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं। शासन ने वाडिया, टीएचडीसी, एनटीपीसी और आईआईआरएस को जांच करने का आदेश दिया है।तपोवन बैराज साइट पर सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों का हंगामासात फरवरी को आपदा आने के बाद सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों के सब्र का बांध अब टूट रहा है। शुक्रवार को सुरंग में फंसे लोगों को परिजनों ने एनटीपीसी, सरकार और नेताओं के खिलाफ रोष प्रकट किया। उन्होंने हंगामा कर दिया और जल्दी रेस्क्यू कर परिजनों को निकालने की मांग की। तनाव बढ़ता देख टनल साइट पर पुलिस बल तैनात कर दिया है।
आठ सदस्यीय एसडीआरएफ टीम को झील का आकलन करने के लिए भेजाडीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि संभावना है कि तपोवन क्षेत्र के पास रैणी गांव के ऊपर पानी जमा हो रहा है। कई हवाई सर्वे किए गए हैं। आज आठ सदस्यीय एसडीआरएफ टीम को स्थिति का आकलन करने के लिए भेजा गया है। आकलन के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
झील का मुआयना करने भेजी गई एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमउत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि रैणी गांव के ऊपरी इलाके में झील बनने की सूचना पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भेजी गई है। आज, हम एक छोटी सुरंग में प्रवेश करने का प्रयास करेंगे, जो मौजूदा सुरंग से 12 मीटर नीचे है। वहां कुल लोगों के होने की संभावना है। लापता 204 व्यक्तियों में से 36 शव बरामद कर लिए गए हैं। 168 लोग अभी भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य चल रहा है।
हरीश रावत ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात, चमोली आपदा को लेकर की चर्चाआपदा मामले में शुक्रवार को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में मुलाकात की गई। इस दौरान जलवायु परिवर्तन से हिमालयी क्षेत्रों में आ रहे बदलाव पर चर्चा की गई।
ऋषिगंगा के मुहाने पर झील बनने से एक बार फिर क्षेत्र में बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं, चिंता वाली बात
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