मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आयोजित राज्यस्तरीय ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशाला में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार 2025 तक डेढ़ लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी में इस कार्यशाला का आयोजन होना अपने आप में ऐतिहासिक अवसर है। सरकार कार्यशाला में प्राप्त सुझावों पर गंभीरता से अमल करते हुए ग्रामीण उद्यमियों के सामने आने वाली सभी समस्याओं का समाधान निकालेगी। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही दिन से सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र पर चल रही है। इसके सकारात्मक परिणाम अब नजर आने लगे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत तीन साल के दौरान स्वरोजगार के क्षेत्र में कई काम हुए हैं। किसी भी काम के शुरुआत में कठिनाई तो आती ही है, लेकिन अब महिलाएं और युवा स्वरोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने लगे हैं। सरकार की विभिन्न योजनाओं के चलते अब तक प्रदेश में एक लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं स्वयं सहायता समूहों या निजी प्रयासों से शानदार उत्पाद तैयार कर रही हैं, जिसकी मांग पूरी दुनिया में है। सरकार सरस मेला, हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के जरिए उन्हें विपणण की सुविधा प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप जो भी उत्पाद तैयार कर रहे हैं, उसमें गुणवत्ता, पैकेजिंग और साफ – सफाई का पूरा ध्यान रखें। यदि इन बातों को अनुशासन में डाल दिया जाए तो सफलता मिलनी तय है। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए व्यवसाय और स्वावलंबन के अधिक अवसर पैदा करने का प्रयास कर रही है। पलायन कम करने में माता बहनों की अहम भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार मातृशक्ति के सशक्तिकरण के लिए विशेष तौर पर प्रयास कर रही है। महिला समूहों को बिना ब्याज के पांच लाख रुपए का लोन दिया जा रहा है। इसके साथ ही सशक्त बहना उत्सव योजना, सीएम महिला स्वयं सहायता समूह योजना भी संचालित की जा रही है। महिला स्वयं सहायता समूह योजना के तहत ₹84 करोड़ से अधिक का सहयोग प्रदान किया गया है। साथ ही ब्याज पर ₹25 करोड़ की छूट प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के तहत अब तक ₹4 करोड़ 20 लाख का व्यवसाय किया जा चुका है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक उत्तराखण्डवासी से पांच आग्रह किए हैं। उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने के लिए हम सबको प्रधानमंत्री के आग्रहों पर काम करना है। इस मौके पर विभिन्न जिलों से आए ग्रामीण उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने ग्रामीण उद्यमिता को लेकर अपने अनुभव व्यक्त करते हुए सुझाव दिए।